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वाराणसी: उत्‍तर प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू एवं शादियों में मेहमानों की सीमित उपस्थिति को हटाने की मुख्यमंत्री से उठीं मांग।

वाराणसी: उत्‍तर प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू एवं शादियों में मेहमानों की सीमित उपस्थिति को हटाने की मुख्यमंत्री से उठीं मांग।

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वाराणसी। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उत्तर प्रदेश के द्वारा कोविड घटते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश से रात्रिकालीन कर्फ्यू को हटाने एवं शादियों में मेहमानों की संख्या पर लगाए प्रतिबंध को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मांग की है। इस लिहाज से आगामी शादियों के सीजन को लेकर पूर्वांचल में काफी हद तक स्थिति स्‍पष्‍ट होने के बाद कारोबारी सहूलित हो सकेगी। 

वहीं कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल व प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से मांग रखी कि स्वास्थ्य विभाग और अख़बारों में छप रही खबर के अनुसार कोविड का संक्रमण अब कम होने लगा है अतः अब रात्रिकालीन कर्फ्यू और शादियों में मेहमानों की उपस्थिति पर लगाए प्रतिबंध को हटा देना चाहिए। 

वहीं पत्र के माध्यम से इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि विगत छह फरवरी को घटते संक्रमण को देख कर चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में इन प्रतिबंधों का औचित्य नहीं रह जाता है अतः अब इन्हे हटा लिया जाना चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि प्रदेश में गेस्ट हाउस, माली, सजावट, साफ़-सफाई वाले , बैण्ड-बाज़ा, मजदूर, बिजली, वेटर आदि करोंड़ों लोगों की रोजी रोटी इसी सहालग से जुडी है। इनमें से कुछ को रोजी-रोटी के लिए केवल सहालग का इंतज़ार रहता है। 

वहीं इनके अतिरिक्त कपड़े, किराना, सजावटी सामान, ज्वेलरी, जूते आदि के व्यापारियों को भी सहालग का इंतज़ार रहता है। इन सभी के ऊपर इन प्रतिबंधों की आर्थिक मार पड़ रही है। जिला उपाध्यक्ष शैलेश प्रताप सिंह व जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर गुप्ता का कहना है कि अगर चुनाव की रैली हो सकती है तो वैवाहिक आयोजन क्यों नहीं हो सकते। जबकि रैली से जयादा सावधानी तो आजकल वैवाहिक आयोजनों में रखी जाने लगी है।