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आगरा : ताजमहल में आज देखने को मिलेगा अलग ही नजारा, 1300 मीटर लंबी चढ़ाई जायेंगी सतरंगी चादर
आगरा । मुगल शहंशाह शाहजहां का 367वां उर्स ताजमहल में मनाया जा रहा है। मंगलवार को सुबह से स्मारक में निश्शुल्क प्रवेश होने से अकीदतमंंदों व पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। उर्स के अंतिम दिन मुख्य आकर्षण हिंदुस्तानी सतरंगी कपड़े की 1381 मीटर लंबी चादर रहेगी। सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक यह चादर हनुमान मंदिर से शुरू होकर ताजमहल पहुंचेगी।
शाहजहां का उर्स रविवार को गुस्ल की रस्म के साथ शुरू हुआ था। सोमवार को संदल की रस्म हुई। दोनों दिन दोपहर दो बजे मुख्य मकबरे में तहखाना में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों को खोला गया और उन्हीं पर रस्में अदा की गईं। रविवार व सोमवार को दोपहर दो बजे से स्मारक में प्रवेश निश्शुल्क होने से भीड़ उमड़ी। मंगलवार सुबह ताजमहल खुलने के बाद कुलशरीफ हुआ और फातिहा पढ़ा गया। इसके बाद तवर्रुख बांटा गया। मुख्य मकबरे के द्वार पर कव्वालों ने कव्वालियां प्रस्तुत कीं। रायल गेट पर शहनाई गूंजती रही। सुबह से स्मारक में प्रवेश होने से बड़ी संख्या में स्थानीय पर्यटक पहुंचना शुरू हो गए थे। उर्स के तीसरे दिन मुख्य आकर्षण का केंद्र दोपहर दो बजे के बाद खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा चढ़ाई जाने वाली हिंदुस्तानी सतरंगी कपड़े की 1381 मीटर लंबी चादर रहेगी। देश के मुख्य इमाम डा. इमाम उमर अहमद इलियासी मुख्य अतिथि रहेंगे। चादर हनुमान चौक स्थित हनुमान मंदिर से शुरू होकर ताजमहल के दक्षिणी गेट पहुंचेगी। दक्षिणी गेट से पर्यटकों का प्रवेश निषिद्ध होने से केवल चादर ही अंदर स्मारक में जाएगी। स्मारक के पूर्वी व पश्चिमी गेटों से अंदर पहुंचे अकीदतमंद उसे मुख्य मकबरे तक ले जाएंगे। सतरंगी चादर से स्मारक में सतरंगी छटा बिखरेगी।
खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि हिंदुस्तानी सतरंगी कपड़े की 1381 मीटर लंबी चादर सर्वधर्म सद्भाव का प्रतीक है। पिछली बार उर्स मेंं 1331 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई थी।