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यूपी : वाराणसी में परिशेबल कार्गो 150 मीट्रिक टन फल और सब्जियों से भरा चेंबर।

यूपी : वाराणसी में परिशेबल कार्गो 150 मीट्रिक टन फल और सब्जियों से भरा चेंबर।

                       Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। पेरिशेबल कार्गो राजातालाब, स्थानीय फल व्यापारियों और किसानों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। कोरोना काल में भी यह व्यापारियों और किसानों के लिए आक्सीजन का काम किया है। पेरिशेबल कार्गो में स्टोरेज करने का किराया काफी कम होने के कारण राजातालाब, कछवां, रोहनिया, जंसा, कपसेठी के स्थानीय व्यापारियों के लिए काफी किफायती है। यहां लगभग 50 की संख्या में किसान और व्यापारी फल और सब्जियों का स्टोर किए हैं।

वहीं परिशेबल कार्गो के कर्मचारी हरेंद्र कुमार ने बताया कि एक चेंबर संतरा से भरा है जिसमें 80 मीट्रिक टन तो दूसरे में सेव और संतरा लगभग 50 मीट्रिक टन भरा है।तीसरे चेंबर में 5 मीट्रिक टन केला और एक अन्य चेंबर में मशरूम , शिमला मिर्च ,गाजर ,खीरा, रखा गया है।किसानों और व्यापारियों को यहां मात्र एक रुपये प्रति किलो महीना किराया देना पड़ता है जिससे फल और सब्जी एकदम फ्रेश रहता है। 

वहीं हरेंद्र कुमार ने बताया कि इस समय चारो चेंबर में 150 मीट्रिक टन फल और सब्जी किसानों तथा व्यापारियों ने रखा है। कोरोना काल में भी यहाँ इजिप्ट(विदेश) से आया वालेंसिया ऑरेंज(माल्टा ) भरा रहा। व्यापारियों के अनुसार माना रहा है कि चुनाव के बाद डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने के कारण व्यापारियों ने फल मंगाकर स्टोर कर लिया। 

वहीं पेरिशेबल कार्गो का उद्घाटन 2018 में स्थानीय किसानों व्यापारियों के हित को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। यहां 400 मीट्रिक टन की क्षमता के लिए 100-100 मीट्रिक टन के अलग अलग चार कोल्ड स्टोरेज चेंबर बने हुए हैं। यहां फल और सब्जी रखने के लिए मात्र एक रूपये प्रति किलो महीना किराया रखा गया है।

वहीं यही नहीं जो किसान कम दिनों के लिए सब्जी रखना चाहते हैं उन्हें मात्र 10 पैसे किलो प्रतिदिन के हिसाब से किराया देना पड़ता है। कोरोना के कारण किसानों और व्यापारियों को प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान न चलाने के कारण ज्यादा लोग नहीं जुड़ पा रहे हैं। जबकि चुनाव बाद यहां से किसानों को प्रशिक्षण और जागरूक करने का काम शुरू होगा। परिशेबल कार्गो विदेश से फल और सब्जियां मंगाई और भेजी जाती हैं।