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यूपी : भदोही सहित पूर्वांचल में उद्योग विभाग ने 2021-22 में 478 लाभार्थियों को मिले 90 करोड़।
उत्तर प्रदेश। भदोही के मोहम्मद सैफ अली सालों से कालीन कारोबार में जुड़े हैं। कोराेना संक्रमण काल में उनका कारोबार थम सा गया था। वह निराशा के भंवर में डूबते जा रहे थे। उनकी आर्थिक हालत खराब थी। समझ नहीं आ रहा था कि वह कारोबार को कैसे चलाएं। एक जिला एक उत्पाद ने उन्हें अच्छी राह दिखाई। 50 लाख रुपये ऋण मिला। अब वह इन बीते एक साल में अपने कालीन को चमकाने में लगे हैं।
वहीं इस समय कारोबार की गाड़ी पटरी पर दौड़ रही है। वह सैकड़ाें श्रमिकों को अपने साथ जोड़ चुके हैं। वह उनकी गृहस्थी संवार रहे हैं। इसी तरह बलिया के मनियर गांव में बिंदी का अच्छा कारोबार होता है। गांव के परवेज आलम सालों से कारोबार में जुड़े थे। लेकिन पूंजी के अभाव में व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच गया।
वहीं एक जिला एक उत्पाद योजना से उन्हें इस साल 15 लाख रुपये ऋण स्वीकृत हुआ तो कारोबार फिर से चल पड़ा है। बकौल परवेज, सेंट्रल बैंक मनियर से उन्हें ढाई लाख रुपये मिल चुका है। बिंदी उद्योग को नए सिरे से चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
वहीं दरअसल दोनों किस्से तो नजीर मात्र हैं। पूर्वांचल के नौ जिलों में वर्ष 2021-22 में करीब 417 लोगों के कारोबार को गति मिली है, इनके लिए करीब 90 करोड़ रुपये ऋण स्वीकृत किया जा चुका है। बहुत लोगों के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना संजीवनी सिद्ध हो रही है। 2280 लोगों को टूल किट बांटा गया है, इसके जरिए लाभार्थी अपने उत्पादों को आधुनिक लुक देने की कोशिश में जुटे हैं।
वहीं आजमगढ़ के ब्लैक पाटरी व मुबारकपुर वस्त्रोद्योग से जुड़े लोगाें को सर्वाधिक फायदा मिला है। बलिया में अभी तक बिंदी उद्योग के प्रति लोगों का रूझान कम हो रहा था, करीब 200 लोग कारोबार से जुड़े हैं। ओडीओपी के जरिए अब उत्पाद को बड़े फलक पर चमकाने की कोशिश है। यहां पर चालू वित्तीय वर्ष में 15.15 लाख रुपये ऋण वितरित किया जा चुका है। 17 अन्य लोगों को इसी महीने तक जरूर धनराशि मिल जाएगी।
1. बलिया : बिंदी
101 आवेदन आए
18 आवेदन स्वीकृत
15.15 लाख ऋण वितरित
300 टूल किट वितरित
2. आजमगढ़ : ब्लैक पाटरी व मुबारकपुर का वस्त्रोद्योग।
230 आवेदन स्वीकृत
75.37 करोड़ स्वीकृत
75.37 करोड़ ऋण वितरित
180 टूलकिट वितरित
वहीं सरिता प्रजापति, राज्य पुरस्कार प्राप्त ब्लैक पाटरी हस्तशिल्पी, निजामाबाद ने बताया कि टूलकिट मिलने से ब्लैक पाटरी उत्पाद को तैयार करने में काफी सहायता मिलती है। सफाई व कटाई बहुत आसान हो जाती है।
3. भदोही : कालीन
163 आवेदन बैंकों को प्रेषित
2180 लाख स्वीकृत
54 आवेदन स्वीकृत
266 लाख अवमुक्त
250 टूलकिट वितरित
वहीं दूसरी तरफ़ मोहम्मद सैफ अली, कालीन निर्यातक, भदोही ने कहा कि पहले कालीन कारोबार टूट चुका था। आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी कि कारोबार को आगे बढ़ाया जा सके। ओडीओपी से 50 लाख का ऋण स्वीकृत हुआ। वर्तमान में कालीन कारोबार पटरी पर लाैट आया है। सैकड़ाें श्रमिकों को राेजगार भी मिल रहा है।
4. मीरजापुर : कालीन दरी व पीतल बर्तन। बी
68 आवेदन बैंकों को भेजे
33 आवेदन स्वीकृत
5.21 करोड़ स्वीकृत
5.21 करोड़ ऋण वितरित
300 टूलकिट वितरित
वहीं तहसील चुनार स्थित दरगाह शरीफ के परवेज आलम के जीवन में एक जनपद एक उत्पाद योजना ने खुशहाली लाई। कालीन के लिए 1.50 करोड़ ऋण स्वीकृत किया गया। 15 लाख रुपये सब्सिडी मिली। बताया कि कारपेट व्यवसाय से क्षेत्र के कई लोगाें को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने सरकार के एक जनपद एक उत्पाद योजना को काफी सराहा।
5. गाजीपुर : जूट वाल हैंगिंग 20 लक्ष्य।
17 स्वीकृत
70.32 लाख रुपये स्वीकृत व वितरित
200 टूलकिट वितरित
वहीं अकबर हुसैन, लाभार्थी-पहलवानपुर, इमिलियां ने बताया कि जूट वाल हैंगिंग का काम पुश्तैनी है। कच्चा माल कोलकाता से मंगाया जाता है। तैयार माल शिमला आदि जगहों पर व्यापारियों को भेजा जाता है। मेरे परिवार सहित कुल 35 लोग हमारी टीम में शामिल हैं, जो कई डिजाइनों में जूट वाल हैंगिंग तैयार करते हैं। प्रतिवर्ष 70-80 लाख रुपये का माल तैयार कर बेचा जाता है। अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के लिए जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 25 लाख रुपये के ऋण को आवेदन किया था, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है।
6. मऊ : रेशमी साड़ी
80 आवेदन बैंकों को भेजा
24 आवेदन स्वीकृत
70 लाख सब्सिडी जारी
30 आवेदन लटके
280 लाख वितरित
400 टूलकिट वितरित
7. जौनपुर : ऊनी दरी
25 आवेदन आए
15 ऋण स्वीकृत
10 मामले लंबित
16 लाख ऋण वितरित
250 टूलकिट वितरित
बता दें कि वहीं मुक्खू विश्वकर्मा, केराकत ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत मिले टूल किट से व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिली। आनलाइन आवेदन किया था। प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। कई ऐसे सामान थे, जिन्हें खरीदने में मुश्किल होती। जरूरी सामान मिलने से कार्य में बढ़ोतरी तो हुआ ही, आर्थिक मजबूती भी मिली।
8. चंदौली : जरी-जरदोजी और काला चावल।
96 आवेदन आए
96 लाख ऋण स्वीकृत
80 लोगों को ऋण मिला
66.66 लाख लोन बांटा गया
200 टूलकिट वितरित
बता दें कि वहीं दूसरी तरफ़ दानिश, दुलहीपुर निवासी ने बताया कि पहले की तुलना में बनारसी साड़ी की डिजाइन अब बदली है। ओडीओपी से सहायता लेकर कारोबार को बढ़ाया। आधुनिक मशीन से नई डिजाइन तैयार की गई और उसे बाजार में उतारा जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में कारोबार प्रभावित हुआ, लेकिन बाजार तैयार हो रहा है। लोग मनपसंद डिजाइन ईमेल पर भेजते हैं और हम तय समय में बनारसी साड़ी बनाकर दे रहे हैैं।
9. सोनभद्र : कालीन
78 आवेदन आए
7 लोगों का ऋण स्वीकृत
8.05 लाख लोन वितरित
200 काे टूल किट वितरित