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भारतीय सैन्य दल संयुक्त सैन्य अभ्यास लामितिये - 2022 के लिए पंहुचा सेशेल्स
नई दिल्ली । भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बीच 9वां संयुक्त सैन्य अभ्यास लामितिये– 2022, सेशेल्स रक्षा अकादमी (एसडीए) सेशेल्स में 22 मार्च से 31 मार्च 22 तक आयोजित किया जा रहा है। भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बल दोनों की एक-एक इन्फैंट्री प्लाटून कंपनी मुख्यालय के साथ इस अभ्यास में भाग लेंगी। इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-शहरी वातावरण में शत्रु बलों के खिलाफ विभिन्न अभियानों के दौरान प्राप्त किए गए अनुभवों को साझा करने और संयुक्त अभियान शुरू करने के लिए क्षमता में वृद्धि करना है।
भारतीय सैन्य दल में 2/3 गोरखा राइफल्स समूह (पीरकंठी बटालियन) के सैनिक शामिल हैं। यह दल 21 मार्च, 2022 को सेशेल्स पहुंच गया है।
सैन्य अभ्यास - 2022 एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसका 2001 से सेशेल्स में आयोजन किया जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि विभिन्न देशों के साथ भारत द्वारा किए जा रहे सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास की श्रृंखला में सेशेल्स के साथ आयेाजित किया जा रहा यह लामितिये अभ्यास मौजूदा वैश्विक स्थिति और हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ती हुई सुरक्षा चिंताओं की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के लिए सामने आ रही सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में बहुत अहम और महत्वपूर्ण है।
इस 10 दिनों तक चलने वाले संयुक्त अभ्यास में क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास, युद्ध चर्चा, व्याख्यान, प्रदर्शन शामिल हैं जो दो दिवसीय प्रमाणीकरण अभ्यास के साथ समाप्त होगा। इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और अच्छी प्रक्रियाओं के आदान-प्रदान के द्वारा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों की स्थापना करना और उन्हें बढ़ावा देना है। दोनों पक्ष संयुक्त परिचालन आयोजित करने के लिए नई पीढ़ी के उपकरणों और प्रौद्योगिकी का पता लगाने और प्रदर्शन करते हुए, अर्ध शहरी वातावरण में आने वाले संभावित खतरों को समाप्त करने के लिए अच्छी तरह से विकसित सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला का संयुक्त रूप से प्रशिक्षण, नियोजन और निष्पादन करेंगे। अर्ध-शहरी वातावरण में शत्रु दलों का मुकाबला करने में सामरिक कौशल को बढ़ाने और दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन बढ़ाने पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
भारतीय सैन्य दल के कंपनी कमांडर मेजर अभिषेक नेपाल सिंह ने कहा कि यह द्विवार्षिक सैन्य अभ्यास, सेशेल्स में आयोजित एक निर्गामी आउटबाउंड अभ्यास है, जिसने दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग और अंतर-संचालनता को मजबूत बनाने में काफी योगदान दिया है। हम विचार-विमर्श और सामरिक अभ्यासों पर आधारित अनेक स्थितियों के माध्यम से उप-पारंपरिक संचालनों में नई प्रौद्योगिकी के समावेश के साथ-साथ मान्य अभ्यासों और प्रक्रियाओं को समाविष्ट करने के लिए व्यवहारिक पहलुओं को साझा करने के लिए भी तत्पर हैं।
इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।