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झारखंड : मजदूरों की देशव्‍यापी हड़ताल 28 व 29 को, वहीं आमसभा में किया गया एकजुटता का प्रदर्शन।

झारखंड : मजदूरों की देशव्‍यापी हड़ताल 28 व 29 को, वहीं आमसभा में किया गया एकजुटता का प्रदर्शन।


झारखंड। आगामी 28 और 29 मार्च को मजदूर वर्ग की दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल के मुद्दों और मांगों के प्रचार तथा जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (आम बागान) मैदान साकची में एक आम सभा का आयोजन किया गया। इस आमसभा में इंटक, एटक, सीटू, ऐक्टू, एआईयूटीयूसी आदि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ - साथ राज्य अराजपत्रित कर्मचारी, बैंक, बीमा, डाक, सेल्स प्रमोशन, डीवीसी और रेलवे कर्मचारियों के फेडरेशनों एवं झारखंड वर्कर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।

वहीं आमसभा की अध्‍यक्षता मजदूर नेता राकेश्वर पांडे, केके त्रिपाठी एवं शशि कुमार ने की। सभा में हड़ताल संबंधित एक घोषणा पत्र विश्वजीत देब की ओर से प्रस्‍तुत किया गया। इस घोषणापत्र में बताया गया कि “कानूनों और आर्थिक नीतियों में कॉरपोरेट पक्षीय बदलाव, आजीविका की दयनीय स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी, भविष्य निधि पर ब्याज दरों में कमी के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में भारी कटौती, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण एवं राष्ट्रीय संपत्ति की लूट एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमलों के साथ ही केंद्र सरकार की नीतियों से न केवल मेहनतकश परेशान हैं। 

वहीं बल्कि सरकार की नीतियों छोटे व्यापारियों और मध्यम और छोटे पैमाने के उद्यमियों के हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है। नीतियों में कॉरपोरेट पक्षीय बदलाव, मेहनतकश आम जनता की आजीविका की दयनीय स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी तथा सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश, निजीकरण एवं राष्ट्रीय संपत्ति की लूट एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले को लेकर मजदूर एवं किसान आज आक्रोशित हैं।

वहीं इस पृष्ठभूमि में “जनता बचाओ - देश बचाओ” नारे के साथ केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 11 नवंबर-2021 को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय श्रमिक सम्मेलन में दो दिन की देशव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया था, तदनुसार अखिल भारतीय स्तर पर संयुक्त ट्रेड यूनियन फ्रंट द्वारा 28 और 29 मार्च को मजदूरों और कर्मचारियों की दो दिन की अखिल भारतीय आम हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 28 और 29 मार्च को ग्रामीण बंद की तैयारी कर रही है।

वही घोषणा पत्र के माध्यम से, “चार मजदूर विरोधी लेबर संहिताओं की समाप्ति, विनिवेश और एनएमपी के प्रयासों को समाप्त करना, जरूरतमंद परिवारों के लिए खाद्य और आय सुरक्षा सुनिश्चित, अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार, ठेकेदार कामगार एवं स्कीम वर्करों के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी तथा मनरेगा को मजबूत करने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कम करने और मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने के साथ-साथ संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्री मांगों को पूरा करने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अमीर और कॉर्पोरेट पर उच्च कर लगाने के अखिल भारतीय मांगों को दोहराया गया।

वहीं सभा की कार्यवाही का संचालन अंबुज ठाकुर तथा धन्यवाद ज्ञापन विनोद राय द्वारा किया गया। सभा को संबोधित करते हुए, महेंद्र मिश्रा, संजीव श्रीवास्तव, राणा सिंह, परविंदर सिंह, ओमप्रकाश सिंह, जेपी सिंह, सुब्रत विश्वास, एनएन पॉल, विक्रम कुमार, विष्णु देव गिरी, आरएन ठाकुर, अरुण पाल आदि वक्ताओं द्वारा सभी ट्रेड यूनियनों और आम मजदूरों सहित सभी जन संगठनों से हड़ताल को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की अपील की तथा सभी राजनीतिक दलों से भी मजदूरों और किसानों के संयुक्त संघर्ष के साथ खड़े होने और “जनता बचाओ देश बचाओ” के नारे का समर्थन करने की अपील की गई है। 

वहीं बैठक में सतेंद्र सिंह, अजय सिंह, केके तिवारी, नागराजू, केडी प्रताप, रामजी सिंह, दीपक कुमार आदि के नेतृत्व में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे। यह जानकारी संयोजक, केंद्रीय श्रम संगठनों का संयुक्त मंच कोल्हान राकेश्वर पांडे ने दी।