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यूपी : मऊ में बुलडोजर के निशाने पर 35 करोड़ का नकल कारोबार, वहीं रासुका के आदेश पर केंद्रों के व्यवस्थापक।

यूपी : मऊ में बुलडोजर के निशाने पर 35 करोड़ का नकल कारोबार, वहीं रासुका के आदेश पर केंद्रों के व्यवस्थापक।


मऊ। नकल करने और कराने वाले के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश देकर उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के केवल यूपी बोर्ड के 35 करोड़ रुपये के नकल कारोबार पर बुलडोजर चला दिया है। योगी सरकार के इस मास्टर स्ट्रोक से नकल करने-कराने वालों की थरथरी डोलने लगी है।

वहीं अभी से परीक्षार्थियों ने सुविधा देने का दावा करने वालों से भविष्य की चिंता को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। नकल के नाम पर प्रति छात्र औसतन 5000 रुपये की रकम वसूली जाती थी।

वहीं प्रदेश सरकार ने नकल करने-कराने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लेकर शिक्षाविदों को गदगद कर दिया है। यूं तो जिले में 512 इंटर कालेज हैं। इनमें से 432 इंटर कालेज वित्तविहीन मान्यता प्राप्त हैं। अनुदानित इंटर कालेजों में नकल न के बराबर होती है, जबकि वित्तविहीन इंटर कालेजों में नकल ही शैक्षिक गुणवत्ता का प्रमुख हथियार है। नकल न कराए जाने के चलते अनुदानित एवं राजकीय इंटर कालेजों से छात्रों की संख्या लगातार घटती जा रही है।

वहीं मेरिट के आधार पर होने वाली भर्तियों एवं डीएलएड आदि में प्रवेश के लिए अभिभावक भी नकल कराने वाले इंटर कालेजों में ही अपने पाल्यों को प्रवेश दिलाने में दिलचस्पी दिखाते हैं। नकल का पैसा न देने पर छात्रों के उत्पीड़न के कई मामले जिले में सुर्खियां बने हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा-2022 में हाईस्कूल एवं इंटर के कुल 81164 परीक्षार्थी हैं। 

वहीं इनमें से 11 हजार छात्र ही अनुदानित एवं राजकीय इंटर कालेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, शेष 70 हजार वित्तविहीन इंटर कालेजों में पढ़ कर ही भविष्य निर्माण करने में लगे हैं। परीक्षा प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा से लेकर नकल रोकने तक के हर अत्याधुनिक इंतजाम किए गए

वहीं परीक्षा प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा से लेकर नकल रोकने तक के हर अत्याधुनिक इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा की निगरानी के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम अलर्ट की गई है। इसके बाद भी न मानने वाले स्वयं जिम्मेदार होंगे।

वहीं पूर्वांचल प्रतिभाओं की खान है। जनहित और राष्ट्रहित में परीक्षा में नकल पर लगाम लगाया जाना बेहद आवश्यक है। यूपी सरकार ने रासुका लगाने का निर्णय लिया है तो इसका अनुपालन भी सतर्कता और निष्पक्षता के साथ हो, न कि शिक्षकों का उत्पीड़न हो।