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यूपी : जौनपुर में कांग्रेस के 52000 सदस्‍य, नौ सीटों पर मिले मात्र 27023 मत, वहीं सभी उम्‍मीदवारों की जमानत हुईं जब्‍त।

यूपी : जौनपुर में कांग्रेस के 52000 सदस्‍य, नौ सीटों पर मिले मात्र 27023 मत, वहीं सभी उम्‍मीदवारों की जमानत हुईं जब्‍त।


जौनपुर। जिले में कांग्रेस का बुरा दौर खत्म होने के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में जिले की नौ सीटों पर पूर्व विधायक नदीम जावेद समेत सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। आम मतदाताओं को छोड़िए कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में उसके सभी प्राथमिक व सक्रिय सदस्यों तक ने वोट नहीं दिया। सभी नौ सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को कुल जमा 27023 वोट मिले जबकि जिले में पार्टी के सदस्यों की संख्या है 52 हजार है।

वहीं वर्ष 1989 में सूबे की सत्ता से कांग्रेस की विदाई हुई। तब से चला आ रहा राजनीतिक वनवास खत्म होता दिख नहीं रहा है। जिले में कभी विपक्षी दलों का पूरी तरह सफाया करने वाली कांग्रेस वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव तक एक सीट भी जीतने के तरसती रही। 

वहीं वर्ष 2012 में हुए चुनाव में जौनपुर सदर सीट से नदीम जावेद ने जीत दर्ज कर इस सूखे को खत्म किया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन से मैदान में उतरे नदीम जावेद दूसरे नंबर पर रहे। इस बार 2022 के चुनाव में वे महज 12,106 वोट हासिल कर सके।

वहीं अन्य उम्मीदवार तो पांच अंकों का आंकड़ा भी नहीं छू सके। बदलापुर से पूर्व सांसद स्व. कमला प्रसाद सिंह की पौत्र वधू आरती सिंह 1651, शाहगंज से परवेज आलम भुट्टो 1519, मुंगराबादशाहपुर से प्रमोद कुमार सिंह 1830, मल्हनी से पुष्पा शुक्ला 1444, मछलीशहर (सु.) से माला सोनकर 2178, मड़ियाहूं से मीरा पांडेय 1372, जफराबाद से लक्ष्मी नागर 2235 और केराकत (सु.) से राजेश गौतम 2688 वोट ही पा सके। इस बार पूरे दमखम के साथ सूबे में चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व करने वाली प्रियंका वाड्रा का रोड शो और तमाम लुभावने वादे भी कोई करिश्मा नहीं दिखा सके।

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, युवा चेहरा सचिन पायलट, दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी, आचार्य प्रमोद कृष्णन आदि स्टार प्रचारकों की जनसभाएं भी वोटरों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने में नाकाम रहीं। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस के सदस्यों ने भी पार्टी के पक्ष में मतदान नहीं किया। 52 हजार प्राथमिक सदस्य हैं। इनमें से पांच हजार सक्रिय सदस्य हैं। यदि एक सदस्य ने अपने परिवार के ही तीन वोट दिलाए होते तो पार्टी को कम से कम डेढ़ लाख वोट मिल गए होते। -फैसल हसन तवरेज, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।