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हिमाचल प्रदेश : बैंक की नौकरी का बड़ा मौका राज्य सहकारी बैंक में भरे जाएंगे सहायक प्रबंधक के 59 पद।

हिमाचल प्रदेश : बैंक की नौकरी का बड़ा मौका राज्य सहकारी बैंक में भरे जाएंगे सहायक प्रबंधक के 59 पद।


हिमाचल प्रदेश। राज्य सहकारी बैंक के समस्त कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा। साथ ही बैंक से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय ग्रेच्युटी की राशि को भी प्रदेश सरकार की तर्ज पर 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की स्वीकृति मिल गई है। बैंक में सहायक प्रबंधक के करीब 59 और कनिष्ठ अभियंता के दो रिक्त पदों को सीधी भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा।

वहीं सोमवार को अध्यक्ष खुशी राम बालनाटाह की अध्यक्षता में सांगटी (शिमला) स्थित बैंक परिसर में हुई निदेशक मंडल की बैठक में इन मामलों को स्वीकृति दी गई। बैठक में चालू वित्त वर्ष की कार्य प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत विभिन्न मामलों को विस्तृत चर्चा के बाद सदस्यों ने स्वीकृति प्रदान की। 

वहीं इस बैठक में निदेशक मंडल के सदस्य शेर सिंह चौहान, प्रियव्रत शर्मा, पितांबर नेगी, राम गोपाल ठाकुर, प्रेम लाल सोनी, राकेश गौतम, विनय नेगी, द्रोपती ठाकुर, चंद्र भूषण नाग, विजय ठाकुर, अरविंद गुप्ता, लाज किशोर शर्मा के अलावा नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी एसके मिश्रा, बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा, महाप्रबंधक डा. आरपी नैंटा ने भाग लिया।

वहीं निदेशक मंडल ने बैंक की ओर से संचालित विभिन्न ग्राहक मैत्री ऋण योजनाओं के सरलीकरण के लिए भी अपनी स्वीकृति प्रदान की, ताकि अधिक से अधिक ग्राहक बैंक से जुड़ कर योजनाओं का लाभ उठा सकें। एनपीए प्रबंधन की ओर से अब तक उठाए गए कदमों और प्रभावी कार्यप्रणाली पर भी समस्त सदस्यों की ओर से संतोष व्यक्त किया गया।

वहीं बालनाटाह ने कहा कि निदेशक मंडल की ओर से दो नई ऋण योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई। पहली योजना के तहत वर्तमान बैंक ग्राहकों के साथ नए ऋणियों को गृह सज्जा, फर्नीचर व अन्य उपकरण की खरीद के लिए अधिकतम मूल्य 10 लाख तक की ऋण राशि उपलब्ध करवाने का प्रविधान किया गया है। 

वहीं उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग मकान का निर्माण करने के लिए बैंकों से लिए गए ऋण के साथ अपनी जमा पूंजी का पूरा इस्तेमाल कर चुके होते हैं और निर्माण के बाद उसे आवास उपयोग में लाने के लिए उनके पास शेष जमापूंजी नहीं बच पाती है। इस योजना के संचालन से बैंक ऋणियों को काफी सुविधा उपलब्ध होगी। भावी व्यवसाय विस्तारीकरण व कर्मचारियों की कमी के समाधान के लिए कई अहम फैसले लिए गए।