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वाराणसी : यूपी में मात्र 6.5 प्रतिशत ही जारी होता है उचित मृत्यु प्रमाण पत्र, वहीं डाक्‍टरों को कई पक्षों को होंगा समझना।

वाराणसी : यूपी में मात्र 6.5 प्रतिशत ही जारी होता है उचित मृत्यु प्रमाण पत्र, वहीं डाक्‍टरों को कई पक्षों को होंगा समझना।

                          Vinit Jaishwal City Reporter

वाराणसी। टाटा मेमोरियल सेंटर की इकाई सेंटर फार कैंसर एपिडेमियोलाजी (सीसीई) व यूनिट फार स्ट्रेंथिनिंग काज आफ डेथ डाटा (यूएससीओडीडी) व महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र की ओर से मंगलवार को डाक्टरों को मृत्यु- प्रमाण पत्र जारी करने की बारीकियां बताई गई। 

वहीं इस कार्यक्रम में राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग, वाराणसी स्वास्थ्य विभाग सहित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के 60 से अधिक डाक्टरों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मृत्यु प्रमाण पत्र की उपयोगिता एवं तैयार करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी डाक्टरों संग साझा की गई।

वहीं देश में मृत्यु प्रमाण पत्र का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चिकित्सकीय पद्धति द्वारा जारी किए जाने वाले मृत्यु-प्रमाण पत्र कुल मृत्यु का केवल 6.5 प्रतिशत ही है। ऐसे में इस क्षेत्र में व्यापक स्तर पर न केवल जागरूकता फैलाने की जरूरत है, बल्कि बहुत कुछ किया जाना भी जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखते हुए सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी के उपनिदेशक एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के प्रभारी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी तरह की बीमारी को बेहतर रूप से समझने के लिए उससे होने वाली मौतों का अध्ययन बेहद जरूरी है। यह तभी संभव है जब मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए काम करने वाले लोग बेहतर रूप से प्रशिक्षित होंगे।

वहीं कोविड जैसी महामारी के कारण मृत्यु-प्रमाण पत्र की भूमिका और भी अधिक हो गई है। आज होने वाली यह ट्रेनिंग इस तरह की पहली ट्रेनिंग है, लेकिन आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में इस तरह के और भी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

वहीं इस मौके पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने उपरोक्त कार्यक्रम के लिए सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी (सीसीई) व यूनिट फॉर स्ट्रेंथिनिंग कॉज ऑफ डेथ डाटा (यूएससीओडीडी) का आभार व्यक्त किया और कहा कि जीवन में जितना अहम जन्म प्रमाण पत्र है उतना ही मृत्यु प्रमाण पत्र। इसके अभाव में मौत के कारणों के बारे में सटीक जानकारी पाना मुश्किल है साथ ही मेडिकल साइंस के क्षेत्र में इसके बगैर कई तरह के अध्ययन करना भी बेहद कठिन है।