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झारखंड : जमशेदपुर ज़िले में गर्मी में खूंखार हो रहे कुत्ते, वहीं रोजाना 80 से अधिक लोगों को काट रहे।
जमशेदपुर। शहर में गर्मी शुरू हो गई है। गर्मी बढ़ने के साथ लू के थपेड़े तो परेशान करते ही हैं,इस मौसम में लू चलने के साथ-साथ कुत्ते भी खूंखार हो जाते हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। ऐसे में आपको बचकर रहना होगा। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में रोजाना 30 से 40 मामले पहुंच रहे हैं। इसमें 15 से 20 नए मरीज शामिल होते हैं।
वहीं इसके अलावा टीएमएच, सदर अस्पताल, नौ सीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 18 पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र), रेड क्रास भवन सहित अन्य छोटे-बड़े अस्पतालों में भी कुत्ते काटने के मामले पहुंचते हैं। इन सभी अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो वर्तमान में रोजाना लगभग 80 से अधिक लोगों को कुत्ता काट रहे हैं। अच्छी बात यह है कि जिले में एंटी-रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अन्यथा मरीजों को भटकना पड़ता।
वहीं जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे कुत्तों की परेशानी भी बढऩे लगती है और इस दौरान कुत्ते अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक खूंखार हो जाते हैं। एमजीएम अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो अप्रैल व मई माह में सबसे अधिक कुत्ता काटने के मामले पहुंचते हैं। ऐसे में इस बार भी बढऩे की संभावना अधिक है।
वहीं कुत्तों में पसीना निकलने वाला ग्रंथि नहीं होती है जिसके कारण उसका शरीर और भी अधिक गर्म हो जाता है। साथ ही, कुत्तों को ठंड जगह भी नहीं मिल पाती। प्यास बुझाने के लिए भी भटकना होता है। भूख भी लगी होती है। जमीन गर्म होने से कुत्तों के पैर का तलवा भी जलता है और पैर में छाले पड़ जाते हैं।।
वहीं इन सभी कारणों की वजह से कुत्ते अधिक खूंखार हो जाते हैं। जिन लोगों को कुत्ता काट लेता है उनके लिए ओपीडी में अलग इंजेक्शन रूम में बनाए गए है। ताकि मरीजों को परेशानी नहीं हो। पर्याप्त एंटी-रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ डा. अरुण कुमार, अधीक्षक ने बताया कि गर्मी के दिनों में कुत्तों की परेशानी बढ़ जाती है। इस दौरान कुत्तों को विशेष देख भाल की जरूरत होती है। उन्हें ठंड जगह से लेकर पानी व भोजन की जरूरत होती है। नहीं मिलने से वे खूंखार हो जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं।