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यूपी : गाजियाबाद में बोगस फर्म के फर्जी बिल से 99 करोड़ आइटीसी वसूलने वाला हुआ गिरफ्तार।

यूपी : गाजियाबाद में बोगस फर्म के फर्जी बिल से 99 करोड़ आइटीसी वसूलने वाला हुआ गिरफ्तार।

                       Kanchan Rehja City Reporter

गाजियाबाद। केंद्रीय माल एवं सेवाकर (सीजीएसटी) टीम ने 11 फर्जी फर्म के माध्यम से 628 करोड़ रुपये का सामान खरीद-फरोख्त को लेकर बिल काटकर 99 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) वसूलने वाले रैकेट के सदस्य को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि संबंधित पंजीकृत मोबाइल नंबर, बैंक खातों और पेन कार्ड पर 50 से अधिक फर्जी फर्म पंजीकरण कराया गया हैं।

वहीं सीजीएसटी टीम ने दिसंबर 2020 में बोगस फर्म से फर्जी बिल से धोखाधड़ी के मामले में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जांच में 628 करोड़ रुपये की बिलिंग से 99 करोड़ रुपये के आइटीसी वसूलकर राजस्व की हानि पहुंचाई थी। 

वहीं मामले में सीजीएसटी मुख्य आयुक्त व मेरठ क्षेत्र आयुक्तालय से मिली जानकारी के आधार पर फर्म मैसर्स जय एंटरप्राइजेज और गाजियाबाद स्थित 36 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी, जिसमें जीएसटी धोखाधड़ी के एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ था।

वहीं जांच में पंजीकृत फर्मों के लिए पेन कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खातों के उपयोग की जानकारी मिली थी, जिनसे करीब 99 करोड़ का आइटीसी का लाभ लिया गया था। जांच में टीम ने रैकेट में शामिल नरेश कुमार को 21 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार किया था। जांच में दो दिन पूर्व गाजियाबाद और दिल्ली स्थित छह परिसरों में छापेमारी की, जहां रैकेट में शामिल रूपक वशिष्ठ को तलब किया।

वहीं दूसरी तरफ़ जांच में पता चला कि रुपक वशिष्ठ के पंजीकृत पेन पर 11 फर्जी फर्म थी, जिनके जरिये बिना किसी माल की प्राप्ति के चालान के आधार पर फर्जी आइटीसी का लाभ लिया। इस मामले में रूपक वशिष्ठ को गिरफ्तार कर विशेष सीजेएम मेरठ न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 23 मार्च 2022 तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

वहीं राकेश गुप्ता, अपर आयुक्त केंद्रीय जीएसटी ने बताया कि जांच में मोबाइल नंबर और बैंक खातों पर पंजीकृत 50 से अधिक फर्जी फर्म सामने आई हैं। जीएसटी चोरी और मामले में शामिल फर्मों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिसकी जांच जारी है।