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चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने लगाई पंचायती ग्रांटों को खर्च करने पर रोक।
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने पूर्व की चन्नी सरकार की ओर से पंचायत खर्चों के लिए जारी की गई ग्रांटों को खर्च करने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) को नोटिस जारी किए गए हैं।
वहीं जारी निर्देशों में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 के दौरान 11 योजनाओं के लिए जारी की गई ग्रांटों को खर्च करने पर रोक लगाई जाती है। कई जिलों की ओर से ग्रांटों को सरकारी खजाने से निकाला जा चुका है, लेकिन अभी तक एजेंसियों को जारी नहीं किया गया है।
वहीं इन ग्रांटों का इस्तेमाल जिला स्तर पर अधिकारी गांवों में विभिन्न काम करवाने के लिए करते हैं। जैसे कि गांवों में यादगारी गेटों का निर्माण करवाना, गांव में एक ही श्मशान घाट बनाने को, ईसाई और मुस्लिम भाईचारे के लिए क्रबिस्तान बनाने या फिर अन्य विकास के कार्य करवाने को, गांवों में सोलर लाइट्स लगवाने के लिए, कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए के अलावा कई अन्य विकास के कार्यों के लिए इन ग्रांटों का इस्तेमाल जिला स्तर पर उपायुक्तों की ओर से किया जाता है। फिलहाल सरकार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि इन ग्रांटों का इस्तेमाल अगले आदेशों तक न किया जाए।
बता दें, कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को सरकार की कमान सौंपी थी। चन्नी लगभग चार महीने पंजाब के सीएम रहे। इस दौरान उन्होंने कई अहम फैसले लिए, लेकिन कई फैसले सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित रहे।
वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार ने गांवों के लिए ग्रांट जारी की थी। इस ग्रांट पर अब भगवंत मान सरकार की निगाह टेढ़ी हो गई है। फिलहाल अफरा-तफरी में जारी की गई इन ग्रांटों पर भगवंत मान सरकार ने रोक लगा दी है।