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वाराणसी के होटल में इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी की सूचना पर पुलिस की छापेमारी , सतर्कता बढ़ी

वाराणसी के होटल में इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी की सूचना पर पुलिस की छापेमारी , सतर्कता बढ़ी

वाराणसी । सिगरा थानांतर्गत एक होटल में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस ने देर रात छापेमारी की कार्रवाई की।

हालांकि पुलिस को कोई ठोस सफलता नहीं मिली। पुलिस के अनुसार उन्होंने बिना पहचान पत्र के होटल में कमरा बुक कराया था। होटल के कमरों की पड़ताल की गई लेकिन किसी संदिग्ध व्यक्ति के होने की पुष्टि नहीं हो सकी। सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडेय ने बताया कि एहतियातन सतर्कता बढ़ा दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार की शाम सिगरा पुलिस को शहीद उद्यान के समीप स्थित एक होटल में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों के होने की सूचना मिली थी। जिन्होंने बिना पहचान पत्र के ही होटल में कमरा बुक कराया था। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सिगरा पुलिस ने होटल के कमरों की पड़ताल की। लेकिन होटल में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के होने की पुष्टि नहीं हुई। सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडेय ने बताया कि हॉल में संदिग्ध लोगों के होने की सूचना मिली थी। लेकिन मौके पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल एहतियान सतर्कता बढ़ा दी गई है।

अपर पुलिस महानिदेशक राम कुमार का कहना है कि वाराणसी में सुरक्षा को लेकर जरा सी भी लापरवाही नहीं होती है। किसी भी तरह के इनपुट को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाए जाते हैं। इस वक्त भी पुलिस सतर्क है। अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चंद्र दुबे का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट की वजह से अलर्ट तो हर वक्त रहता है। त्योहार और अन्य वजहों से खास सावधानी बरती जा रही है। पब्लिक को भी पुलिस की मदद करनी चाहिए। कहीं किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है तो उसे पुलिस को जरूर बताएं।

कुछ दिनों पहले जेएमबी के चार आतंकवादी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से पकड़े गए थे। सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में इन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश समेत देश के दस प्रदेशों में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। इनका इस्तेमाल दहशत फैलाने के लिए किया जाता। इस सूचना के साथ ही देश के सभी संवदेनशील शहरों में जेएमबी का कनेक्शन तलाशा जा रहा है। जेएमबी खतरनाक संगठन है। इसने वर्ष 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों के 500 जगहों बम विस्फोट किया था और कई बार नरसंहार को अंजाम दिया था। वर्ष 2014 में पश्चिम बंगाल के वर्धमान और वर्ष 2018 में गया बम ब्लास्ट में भी इसका नाम आया था। वर्ष 2019 से यह संगठन प्रतिबंधित है।