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यूपी : वाराणसी बीएचयू में आंदोलनकारियों ने की पढ़ाई, वहीं कीर्तन कर गुजारी रात।
वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित आयुर्वेद संकाय में स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर कुलपति आवास (वीसी लाज) पर मेडिकल छात्र-छात्रों का धरना तीसरे दिन रविवार को भी जारी है। इससे पहले शनिवार की रात को छात्रों ने पढ़ाई व कीर्तन से गुजारी।
वहीं सुबह में जब कुलपति टहल रहे थे तो छात्राें आंदोलन स्थल से ही गुड मार्निंग बोली। इस पर कुलपति ने हाथ हिलाकर जवाब भी दिया। इसके साथ ही सुबह में छात्रों ने योगा भी किया।
वहीं छात्र-छात्राओं का नाश्ता आदि भी कुलपति आवास के बाहर ही किया। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक वे धरना जारी रखेंगे। इसका असर रविवार को भी देखने को मिला। हालांकि तमाम छात्र-छात्राएं होली की छुट्टी लेकर घर भी चले गए हैं। जो यहां पर वे ही आंदोलन को संभाले हुए हैं।
वहीं ये छात्र-छात्राएं रोस्टर के अनुसार बारी-बारी से धरना स्थल पर बैठ रहे हैं। उनके आक्रोश से अधिकारियों के भी माथे पर बल आ गया है। छात्रों का आरोप है कि वे करीब 15-20 दिन पहले से कुलपति से संवाद करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं है। कई ई-मेल भी किए, लेकिन अधिकारी ने जवाब देने की भी जहमत नहीं उठाई। इसके कारण छात्रों को मजबूरी में आंदोलन का रूख अपनाना पड़ा है।
वहीं मालूम हो कि बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में शिक्षकों की नियुक्ति लगभग 108 हो चुकी हैं, जबकि स्तानतकोत्तर सीटें मात्र 50 ही है। इसी को आधार बनाकर संकाय के छात्र स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं इसे लेकर ये छात्र शुक्रवार की शाम को कुलपति आवास (वीसी लाज) पर धरना शुरू कर दिया था। उनकी मांग है कि सीटें बढ़ाकर कम से कम 100 की जाएं। चेताया है कि जब तक इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी लिखित में आश्वासन नहीं देते तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं छात्रों का कहना है कि इस मामले में कुलपति से संवाद स्थापित करने के लिए दो सप्ताह पहले से ही आग्रह कर किया जा रहा था, लेकिन कुलपति ने छात्रों से संवाद करना मुनासिब नहीं समझा।
वहीं इसके कारण मेडिकल के इस छात्र-छात्राओं में असंतोष और आक्रोश बढ़ता गया। शुक्रवार व शनिवार की रातभर छात्र-छात्राएं खुले आसमान के नीचे सड़क पर धरने पर बैठे रहे, लेकिन अधिकारियों का कलेजा नहीं पसीजा।
वहीं कुलपति को आवास के बाहर जाना पड़ रहा है तो वे पीछे के दरवाजे निकल रहे हैं। छात्रों का कहना है कि अगर कुलपति इसमें पहल करें तो आंदोलन को स्थगित किया जा सकता है।