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यूपी : अलीगढ में कच्चेे माल की कीमत में उछाल से ताला कारोबार को लगा बड़ा झटका।
अलीगढ़। महंगाई से ताला कारोबार को झटका लगा है। कच्चा माल महंगा हुआ है। इससे लागत मूल्य बढ़ा है। लेकिन, उत्पाद की कीमत न बढ़ने से कारोबारियों को नुकसान हो रहा है। इसका असर उत्पादन पर हो रहा है। कारोबारियों ने फैक्ट्रियों में उत्पादन कम कर दिया है।
वहीं कारोबारियों ने बताया कि उत्पादन लागत बढ़ गई है। लेकिन, आर्डर में दिए गए रेट के हिसाब से थोक व्यापारी सप्लाई ले रहे हैं। महंगाई आर्डर मिलने के बाद बढ़ी है। ऐसे में लागत मूल्य बढ़ा है। सप्लाई पुराने रेट पर होने से नुकसान हो रहा है। पिछले छह माह से जो आयरन स्क्रेप 25 रुपये प्रति किलो थी, उसकी कीमत अब बाजार में 55 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
वहीं ब्राइट के कारखाने संचालक अपने पैसा बढ़ा रहे हैं। एसोसिएशन सचिव परवेज खान ने बताया कि पैकिंग मैटेरियल पर 40 प्रतिशत पैसा बढ़े हैं। ट्रासंपोर्ट खर्च में भी वृद्धि हुई है। अन्य खर्चे भी बढ़े हैं। निकिल, ताबा, आयरन स्क्रेप की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
वहीं 65 एएम के ताले पर निकिल के पांच रुपया खर्चा आता था, अब नौ रुपया खर्चा आ रहा है। केमिकल पर भी 30 से 35 रुपये प्रतिलीटर की तेजी है। निकिल 3200 रुपये प्रतिकिलो मिल रही है, जबकि यह छह माह पहले 1300 रुपये प्रतिकिलो थी।
बता दें कि वहीं ताला निर्माता व एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद नदीम ने बताया है एक साल पहले तक जिस ताले की लागत 50 रुपये होती थी, वह महंगे स्क्रेप व अन्य कलपुर्जों पर बढ़ी कीमतों के चलते 80 रुपये तक तैयार हो रहा है। अगर व्यापारी 10 प्रतिशत भी अपना मुनाफा जोड़ता है तब भी बढ़ी कीमत पर डीलर व फुटकर दुकानदार लेने को तैयार नहीं। वे पुराने रेट पर ही माल ले रहे हैं।
वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई तेजी के चलते निकिल अभी भी भाव खा रही है। छह माह में 3.5 प्रतिशत तक इस पर दाम बढ़े थे। 13 व 14 मार्च को जब यह लंदन मेटल एक्सचेंज में छह हजार रुपये प्रतिकिलो बिकी, तो बड़े कारोबारियों ने खरीद का ही बहिष्कार कर दिया। इस तेजी का असर ब्राइट प्लांट पर भी पड़ा।
वहीं महानगर के अधिकांश ब्राइट प्लांट संचालकों ने इस तेजी पर रोष व्यक्त करते हुए कीमत बढ़ाने का प्रयास किया, मगर ताला व हार्डवेयर निर्माताओं ने पैसा बढ़ाने से अपने हाथ खड़े कर दिए। अलीगढ़ इलेक्ट्रो प्लेङ्क्षटग एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी इश्तियाक ने बताया है कि महानगर के अधिकांश ब्राइट प्लांट पिछले पांच दिन से बंद हैं। महानगर में छोटे व बड़े मिला कर 1500 निकिल प्लांट हैं।