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यूपी : वाराणसी में होली नृत्य का इवेंट मैनेजमेंट में डांसर बेहोश और गोपिकाएं होली डांस के इवेंट की तैयारी करने चल पड़ीं।
वाराणसी। नए दौर की होली में अब उसी गोपाल की पूछ है जो निरा ठन-ठन गोपाल न हो, वरना गोपिकाओं के होली डांस को स्पांसर करने को तैयार बैठी हैं बड़ी-बड़ी कंपनियां। पढ़िए आलोक पुराणिक का व्यंग्य...
वहीं होली का मौका, होली डांसर पहुंच रहे हैं गोपिकाओं के साथ होली-डांस करने। होली-डांसर हैरान-परेशान हैं, गोपिकाएं लिफ्ट नहीं दे रही हैं। होली डांस की बात करो, तो पूछने लगती हैं कि ‘बताओ नेल-पालिश कैसी लग रही है। महंगी है, हे होली डांसर ग्वाले तू अफोर्ड ना कर सकता यह।’
होली-डांसर नंबर एक रुआंसा होकर कहता है, ‘कोरोना की मंदी में बीते साल नौकरी गई गोपिके, नेल पालिश तो क्या, इधर पिज्जा खाने तक के लाले पड़े हुए हैं।’
होली डांसर नंबर टू (दुखी होकर), ‘गोपिके, हाल खराब है। एनुअल इंक्रीमेंट बहुत खराब हुए। तेरे लिए इस बार बिंदी का पैकेट तक न ला पाया। सारे पैसे खाने में ही खत्म हो गए।’
गोपिका ताना दे रही है, ‘तुम्हारे पास खाने के पैसे नहीं हैं, फिर काहे आ गए यहां होली-डांस करने?’
होली डांसर (चकरायमान भाव में), ‘अरे होली तो पावन पर्व है, तू कैसी बात कर रही है गोपिके!’
गोपिके, ‘पर्व! व्हाट डू यू मीन बाय पर्व-तुम मुझसे हिंदी में बात किया करो। ये संस्कृत मुझे समझ नहीं आती। होली अब इवेंट है, इवेंट। इस पर हम उनके साथ डांस करेंगे, जिन्हे इवेंट मैनेजमेंट कंपनी वाले लेकर आएंगे। इवेंट मैनेजमेंट वाले हमारे साथ डांस की इजाजत उन अंग्रेजों, अमेरिकनों को देंगे, जो डांस के ग्लोबल टेंडर भरकर हमारे साथ डांस करने की सबसे ज्यादा कीमत चुकाएंगे। इस डांस के शो स्विटजरलैंड और अमेरिका के टीवी पर आएंगे। होली अब ग्लोबल इवेंट है, तू बस बरसाने का मान रहा है इसे?’
होली डांसर चकरा चुका है। होली पर्व है, बचपन से पढ़ता आया है। पर्व पर गर्व है, होता रहे, पर इससे अब परपस सर्व नहीं होता। गोपिकाएं बहुत स्मार्ट हो चुकी हैं। होली इवेंट हो गई है। इवेंट है, तो मैनेजमेंट करने वाले कूद लिए हैं। मैनेजमेंट वाले कूदे हैं, तो ब्रांड बनेगा। ब्रांड बनेगा, तो कमाइयां होंगी। कमाइयां होंगी तो और बड़ा ब्रांड होगा। और बड़ा ब्रांड बनेगा, तो गोपियों की अगली होली-शूटिंग स्विटजरलैंड या अमेरिका में ही हो सकती है, गोपियां ये सोच-सोचकर हर्षित हो रही हैं।
हे गोपिके, प्लीज पुरानी दोस्ती है अपनी, हर होली पर हम साथ-साथ नाचे हैं, दूरदर्शन की पुरानी क्लिपिंग्स में हम साथ नाचते गाते नजर आ रहे हैं। इस कदर होली को इवेंट न बना।’ -होली डांसर चिरौरी कर रहा है।
गोपिका, ‘देखो, हम गोपिकाओं के हाथ में अब कुछ नहीं हैं। सारे कांट्रेक्ट साइन हो गए हैं। अब हम मुस्कुराएंगे तो भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हिसाब देना पडे़गा कि फालतू के होली डांसर पर एक स्माइल क्यों खर्च की? यू सी, हम पूरे के पूरे स्पांसर्ड हो रखे हैं। बालों की क्लिप उस कंपनी ने स्पांसर की है, हार उस ज्वैलर कंपनी का है, ये कपड़े उस साड़ी हाउस ने स्पांसर किया है, देख तू ब्लाउज के ऊपर उसका ब्रांड टंका है। पांवों में घुंघरू उस वाली डांस क्लास कंपनी ने स्पांसर किया है। हे होली डांसर, हम तुझे दिख रहे हैं, पर हम हैं नहीं, हम तो स्पांसर्ड बाय सम कंपनी हैं। हम चाहें तो भी, बगैर पेमेंट के तुझे स्माइल तक नहीं दे सकते, हम पर फाइन हो जाएगा।’
होली डांसर (गुस्से में), ‘ये ना कह दियो कि तेरी सांसें भी स्पांसर्ड हैं!’
गोपिका- ‘हाय तुझे कैसे पता? बदल गया मेरे मुंह का टेस्ट, महकती सांसों वाला टूथपेस्ट, उस टूथपेस्ट ने हमारी महकती सांस स्पांसर की है। हर तीन मिनट के बाद हमें डांस में कामर्शियल ब्रेक लेना है और कहना है कि हमारी सांसों का राज है फलां टूथपेस्ट।’
होली डांसर गुस्से में चीखा, ‘हे भगवान, तुम सिर्फ स्पांसरों के लिए डांस करोगी क्या? पर्व का, उल्लास का कोई मतलब नहीं है क्या?’
गोपिका, ‘ओह, उल्लास- क्यूट नेम न, वो कंपनी वाला हमसे पूछ रहा था न किसी बनियान का अच्छा सा नाम, उसे बता देंगे उल्लास नाम रख लो, हमें क्यूट नाम बताने का पेमेंट मिल जाएगा। चलो हमें कुछ एक्स्ट्रा इनकम हो जाएगी।’
होली डांसर फिर गुस्से में बोला, ‘इनकम, एक्स्ट्रा इनकम, रुपए इसके अलावा कुछ सोचती भी हो क्या?’
दूसरी स्मार्ट गोपिका ने जवाब दिया, ‘हां बिल्कुल सोचते हैं। हम सिर्फ रुपए की नहीं सोचते, हम तो पौंड, डालर में कमाने की भी सोचते हैं। वैसे तुम हमारे साथ डांस नहीं कर पाओगे, यू आउटडेटेड डांसर!’
होली डांसर फिर चकरायमान है, ‘हम क्यों नहीं डांस कर सकते तुम्हारे साथ?’
गोपिका, ‘बुद्धू तीन मिनट बाद कामर्शियल ब्रेक करना होता है। जैसे डांस हो रहा है-आज बिरज में होली खेले रसिया-पर डांस हो रहा है, तो तीन मिनट बाद हम बताएंगे कि ये होली-डांस बिरज डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा प्रायोजित। फिर तीन मिनट डांस इसके बाद हम रुककर बताएंगे -होली के कलर जापानीज पेंट्स द्वारा स्पांसर्ड, फिर तीन मिनट बाद बताएंगे कि हमारी डांस ड्रेस जयपुर साड़ी हाउस द्वारा स्पांसर्ड। अब होली डांस ऐसे ही होता है, सिर्फ डांस ही नहीं दिखाना होता, स्पांसरों के बारे में भी बताना होता है।’
होली डांसर बेहोश हो गया है। गोपिकाएं होली डांस के इवेंट की तैयारी करने चली गई हैं।