Headlines
Loading...
यूपी : वाराणसी चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. अजय कुमार ने कहा कि होली खेलने से पहले पूरे शरीर पर लगाने का दिया पैगाम।

यूपी : वाराणसी चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. अजय कुमार ने कहा कि होली खेलने से पहले पूरे शरीर पर लगाने का दिया पैगाम।


वाराणसी। चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. अजय कुमार का कहना है कि बाजार में केमिकल युक्त रंगों की भरमार है। सस्ते दामों में मिलने वाले ये रंग आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

वहीं बहुत से रंगों के पैकेट्स में हर्बल कलर का लेबल लगा होता है, लेकिन ये हर्बल रंग होते नहीं हैं। इन रंगों को गाढ़ा करने, चटकीला बनाने के लिए इनमें बहुत से केमिकल, धातु, रेत के चमकीले कण, कांच का बुरादा व सिलिका मिलाया जाता है। ये रंग ना सिर्फ आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि इन रंगों की वजह से आप कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

वहीं चाहें तो आप घर में ही हर्बल रंग तैयार कर सकते हैं। वहीं घर में ही नींबू, दही, हल्दी और थोड़ा से आटे को मिक्स कर लें व इसे साबुन की तरह शरीर पर लगाकर रंग से बच सकते हैं। डा. अजय बता रहे हैं कि घर पर ही कैसे प्राकृतिक रंग बना सकते हैं।


1. होली खेलने से पहले पूरे शरीर व बालों में तेल लगा लें, इससे रंग त्वचा पर चिपकता नहीं है व आसानी से साफ हो जाता है।

2. नाखूनों को नुकसान से बचाने के लिए नेल पेंट या पेट्रोलियम जेली लगा लें। इससे नाखून सुरक्षित रहते है।

3. आंखों में रंग न जाए इसके लिए चश्में लगाकर ही होली खेले, इससे आंखों को किसी भी तरह के नुकसान से बच सकते हैं।

4. शरीर के किसी हिस्से में चोट लगी हो या खुला घाव हो तो उसे अच्छी तरह ढंक कर रखें।

5. होली का रंग निकालने के लिए त्वचा को रगड़े नहीं, बल्कि पानी के नीचे कुछ देर खड़े रहें। हल्के साबुन का इस्तेमाल करें।

6. घर में ही नींबू, दही, हल्दी और थोड़ा से आटे को मिक्स कर लें व इसे साबुन की तरह शरीर पर लगाएं।

7. होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर पर आलिव आयल या माइश्चराइज से कोटिंग कर लें।

8. स्किन पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

9. होंठो पर वैसलीन या लिपबाम लगाएं।


1. आप घर पर ही हर्बल रंग बना सकते हैं। इन रंगों की मात्रा बढ़ाने के लिए अरारोट पावडर, मैदा या आटे का प्रयोग कर सकते हैं।

2. लाल रंग का निर्माण चंदन, गुलहड़ से मिलाकर किया जा सकता है।

3. हरा रंग मेहंदी, पालक, धनिया, हरी पत्तियां को सुखाने के बाद पीसकर बना सकते हैं। 

4. पीला रंग हल्दी को बेसन में मिलाकर बना सकते है। इसके अलावा पानी में गेंदे के फूलों के पत्तों को उबालकर पीले रंग का पानी बना सकते हैं।

5. चुकंदर के टुकड़े काटकर या अनार के दाने पानी में मिलाकर मनमोहक गुलाबी रंग का पानी बना सकते हैं।

6. पानी में केसर भिगोकर या अच्छी क्वालिटी की प्राकृतिक हिना या मेहंदी मिलाकर नारंगी रंग का पानी बना सकते हैं।


1. हरा रंग : इसे बनाने के लिए मुख्य रूप से कापर सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके आंख में चले जाने से आंखों में एलर्जी हो सकती और त्वचा में रूखापन और खुजली हो सकती है।

2. सिल्वर रंग : सिल्वर रंग एल्युमिनियम ब्रोमाइड से तैयार किया जाता है जो कि एक कारसिनोजेनिक होता है। कारसिनोजेनिक पदार्थ में विभिन्न प्रकार के कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं।

3. बैंगनी : होली पर सबसे अधिक बैंगनी रंग का प्रयोग किया जाता है। बैंगनी रंग बनाने के लिए क्रोमियम आयोडाइड का प्रयोग किया जाता है। इससे अस्थमा या एलर्जी का खतरा हो सकता है।

4. काला : लेड आक्साइड के मिश्रण से काला रंग बनाया जाता है। यह एक बहुत ही खतरनाक रसायन है जिसके दुष्प्रभाव से किडनी काम करना बंद कर सकती है और दिमाग की सीखने की क्षमता प्रभावित होती है।

5. लाल : लाल रंग के निर्माण में मरक्यूरी सल्फेट का प्रयोग किया जाता है और इससे त्वचा कैंसर के अलावा लकवा और दृष्टिदोष हो सकते हैं।

6. चमकदार : अधिकांश रंग जिनमें चमक दिखाई देती है, वो स्वाथ्य की दृष्टि से ज्यादा हानिकारक होते हैं। रंग में चमक लेन के लिए कांच को पाउडर करके उनमें मिलाया जाता है। इस तरह के रंग त्वचा के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं और त्वचा में सूखापन और एलर्जी उत्पन्न करते हैं।