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यूपी : चंदौली में आटो चालक को तंबाकू साथ खाने के नाम पर बुलाकर छ सात लोगों ने सिर कूचलकर किया हत्या। .

यूपी : चंदौली में आटो चालक को तंबाकू साथ खाने के नाम पर बुलाकर छ सात लोगों ने सिर कूचलकर किया हत्या। .


चंदौली। बलुआ थाना के मोहनपुरवा गांव में मंगलवार की देर रात नौ बजे आटो चालक बनारसी यादव 35 वर्षीय की लाठी-डंडे से पिटाई करने के बाद सिर कूंचकर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद गांव निवासी आरोपित फरार हो गए। जानकारी होने पर स्वजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामले में गांव के ही छह व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं बनारसी आटो चलाकर मंगलवार की शाम घर लौटे तो धान की कुटाई कराने लगे। इससे निवृत्त होकर भोजन किया। इसी बीच गांव के एक व्यक्ति का उनके मोबाइल पर फोन और उसने चट्टी पर तंबाकू खाने के लिए बुलाया। वहां पहुंचे तो छह-सात की संख्या में लोग मिल गए। तंबाकू खाने के दौरान आटो चालक व आरोपितों में विवाद हो गया। 

वहीं आरोप कि आटो चालक को लाठी-डंडे व ईंट से सिर कूंचकर अधमरा करने के बाद आरोपित मौके से भाग निकले। जानकारी होने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। सांसें चलती देख ग्रामीण पुलिस को घटना की सूचना देते हुए बनारसी को लेकर पीएचसी चहनियां पहुंचे। चिकित्सकों ने हालत नाजुक देखकर ट्रामा सेंटर भेज दिया। रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। 

वहीं आटो चालक की मौत से स्वजन बिलख पड़े। वृद्ध मां भल्लर देवी व पत्नी कौशिल्या का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। थानाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने बताया कि आरोपितों की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की गई है। शीघ्र ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आटो चलाकर बनारसी अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते थे। उनकी मौत से ग्रामीण व स्वजन मर्माहत हैं। सभी की जुबान पर बस एक बात थी कि परिवार का भरण - पोषण कैसे होगा। बूढ़ी मां की सेहत का ख्याल कौन रखेगा। मृतक को दो पुत्री दीप्ति, बबली व दो पुत्र सगुन व वीरेंद्र यादव हैं।

वहीं घटना में मृत बनारसी मृदुभाषी होने के साथ ही मिलनसार थे। होली को लेकर परिवार में अपार खुशियां थीं, लेकिन वारदात के बाद माहौल गम में बदल गया। मृतक होली के लिए बच्चों को कपड़ा आदि खरीदने के लिए कहा था। चार वर्षीय पुत्र वीरेंद्र घटना से बिल्कुल अनजान रहा। वह रोती मां व दादी व अन्य को कभी देखता तो कभी पड़ोसियों के बच्चों के साथ खेलने लगता। शोक में बस्ती के कई घरों के चूल्हे नहीं जले।