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यूपी : वाराणसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में स्थापित होगा इंक्यूबेशन सेंटर, वहीं स्टार्टअप व्यवसाय विकसित करने में होगी अहम भूमिका।
वाराणसी। सूबे के स्टार्टअप नीति को बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में इंक्यूबेशन सेंटर संजीवनी के सामान माना जाता है। यह स्टार्ट अप को मान्यता दिलाने के साथ विद्यार्थियों को दिशा-निर्देश भी देगा।
वहीं यही नहीं स्टार्टअप को व्यापारिक तकनीकि सुविधाओं, सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क, सहकारी रिक्त स्थान, प्रयोगशाला और सलाहकार समर्थन जैसी सुविधाएं भी सेंटर उपलब्ध कराएगा।मानविकी संकाय स्थित बौद्ध भवन में दो करोड़ रुपये की लागत से इंक्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए वित्त समिति ने हरी झंडी दे दी है।
वहीं कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी की अध्यक्षता में हुई वित्त समिति की बैठक में आगामी तीन वित्तीय वर्ष में विकास मद में करीब 97 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंजूरी मिल गई। इसमें 2.11 करोड़ रुपये की लागत से परिसर में 2000 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा हाल भवन बनाने का प्रस्ताव है। अभी तक विश्वविद्यालय में कोई परीक्षा भवन न होने के कारण परीक्षाओं के दौरान कक्षाएं स्थगित करनी पड़ती है। परीक्षा भवन बनने के बाद विश्वविद्यालय को कक्षाएं स्थगित नहीं करनी पड़ेगी।
वहीं इसी प्रकार पंत प्रशासनिक भवन-दो में दो करोड़ 11 लाख में संयुक्त परीक्षा हाल मल्टीपरपज स्टोरी, 40 करोड़ से कर्मचारी व शिक्षक आवास, छात्रावासों में वाई-फाई के लिए 20 लाख रुपये खर्च करने की योजना है। इस क्रम में परिसर में सीवर लाइन, एसटीपी स्ट्रीट लाइट, रैनवाटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य कार्यों के लिए अलग-अलग बजट आवंटित किया गया है।
वहीं भैरव तालाब परिसर में 19.25 करोड़ रुपये में कृषि भवन, गंगापुर परिसर में बाउंड्रीवाल का निर्माण, भवनों लिए दो करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। वित्त समिति ने संविदा शिक्षकों व कर्मचारियों के मानदेय में 15 फीसद बढ़ाने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी।वित्त समिति ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित व वर्ष 2022-23 का अनुमानित बजट मंजूरी मिल गई।
वहीं इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में विद्यापीठ को आठ करोड़ 36 लाख रुपये घाटा होने की संभावना जताई गई है। जबकि वर्ष 2022-23 में 127 करोड़ के बजट को वित्त समिति ने मंजूरी दे दी है। इस वित्तीय वर्ष में करीब 55 करोड़ रुपये घाटा होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि कार्यपरिषद से अनुमोदन के बाद वित्त समिति के निर्णय प्रभावी होंगे। बैठक में वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा, कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा, अपर निदेशक (पेंशन व कोषागार) राम कुमार शुक्ल सहित अन्य लोग शामिल थे।