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यूपी : वाराणसी सारनाथ थाने में तैनात दारोगा को लगी गोली, वहीं गंभीर हाल में इलाज के लिए बीएचयू रेफर।
वाराणसी। सारनाथ थाने में तैनात एक दारोगा को संदिग्ध हाल में सोमवार की दोपहर गोली लगने के बाद आनन फानन उसे इलाज के लिए सिंह मेडिकल ले जाया गया। जहां पर प्राथमिक इलाज के बाद हालत चिंताजनक होने की वजह से उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया। वहीं दारोगा को गोली लगने की जानकारी होने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया और आनन फानन पुलिस अधिकारियों ने सारनाथ थाने से प्रकरण की जानकारी ली।
वही पुलिस के अनुसार पारिवारिक विवाद में उप निरीक्षक अनिल सिंह ने खुद के सर्विस रिवाल्वर से सारनाथ स्थित शक्ति पीठ आश्रम के पास आवास पर खुद को गोली मार ली। गोली लगते ही वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। पत्नी के शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। साथ ही मौके पर पहुंचे सारनाथ थाना प्रभारी अर्जुन सिंह घायल उप निरीक्षक अनिल सिंह को लेकर सिंह मेडिकल पहुंचे, जहां स्थिति सामान्य नहीं होने पर चिकित्सकों ने बीएचयू रिफर कर दिया।
वहीं मौके पर डीसीपी काशी आरएस गौतम, एडीसीपी वरुणा प्रबल प्रताप सिंह समय जिले के कई थानेदार भी पहुंच गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पारिवारिक विवाद में दारोगा अनिल सिंह ने खुद को दोपहर में विवाद होने पर गोली मार ली। गोली मारने की जानकारी होने के बाद लोगों के सहयोग से दारोगा को अस्पताल ले जाया गया।
वहीं जख्म गहरा होने की वजह से दारोगा को बीएचयू रिफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार दारोगा की हालत गोली लगने की वजह से चिंताजनक बनी हुई है। सारनाथ के शक्तिपीठ कालोनी में निवास कर रहे चितईपुर थाने में तैनात मनीष सिंह पारिवारिक विवाद के चलते अपने सरकारी रिवाल्वर से दोपहर 12:30 बजे खुद को गोली मार ली। वह मूलरूप से रोहतास बिहार के रहने वाले हैं।
वहीं दारोगा को रिफर किया गया तो कमच्छा से भेलूपुर तक लगे भीषण जाम में वह एंबुलेंस भी फंस गई जिसमें घायल दरोगा को बीएचयू लेकर जाया जा रहा था। उस एंबुलेंस को स्टार्ट करते हुए पुलिस की दो गाड़ियां भी साथ में चल रही थींं। पुलिस की वह दोनों गाड़ियां भी जाम में फंस गईंं।
वहीं पुलिस के जवान भीषण जाम को खत्म करा कर एंबुलेंस को निकालने की पूरी कोशिश करते रहे। काफी मशक्कत के बाद एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों को जाम से निकालकर रूट डायवर्ट करते हुए कामच्छा से संकुल धारा होते बीएचयू की तरफ रवाना किया गया। इस दौरान दारोगा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई थी।