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यूपी : वाराणसी बीएचयू कुलपति आवास पर मेडिकल छात्रों का धरना हुआ जारी, वहीं आयुर्वेद की सीटें बढ़ाने पर अड़े हुए छात्र।

यूपी : वाराणसी बीएचयू कुलपति आवास पर मेडिकल छात्रों का धरना हुआ जारी, वहीं आयुर्वेद की सीटें बढ़ाने पर अड़े हुए छात्र।


वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित आयुर्वेद संकाय में स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर कुलपति आवास (वीसी लाज) पर मेडिकल छात्र-छात्रों का धरना दूसरे दिन शनिवार को भी जारी है। अांदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक वे धरना जारी रखेंगे। उनक आक्रोश से अधिकारियों के भी हाथपाव हिलने लगा है। 

वहीं छात्रों का आरोप है कि वे करीब 15 दिन से कुलपति से संवाद करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं है। इसके कारण छात्रों को मजबूरी में आंदोलन का रूख अपनाना पड़ा है। छात्रों का कहना है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी की छात्रों के प्रति इस तरह की बेरूखी कई तरह के संदेह पैदा करती है।

वहीं मालूम हो कि बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में शिक्षकों की नियुक्ति लगभग 100 हो चुकी हैं, जबकि स्‍नातकोत्‍तर सीटें मात्र 50 ही है। इसी को आधार बनाकर संकाय के छात्र स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर ये छात्र शुक्रवार की शाम को कुलपति आवास (वीसी लाज) पर धरना शुरू कर दिया था। उनकी मांग है कि सीटें बढ़ाकर कम से कम 100 की जाएं। 

वहीं चेताया है कि जब तक इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी लिखित में आश्वासन और इसकी पूरी प्रक्रिया नहीं बताते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों का कहना है कि आयुर्वेद संकाय के छात्र साल भर पूर्व परास्नातक सीटें बढ़ाने के मुद्दे को लेकर धरना पर बैठे थे, लेकिन इस मामले पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई। छात्रों ने इस मामले में कुलपति से मिलने के लिए 15 दिन पहले से बार-बार आग्रह कर रहे थे। बावजूद इसके कुलपति ने छात्रों से मिलना मुनासिब नहीं समझा।

वहीं इसके कारण मेडिकल के इस छात्र-छात्राओं में असंतोष बढ़ता गया। उनके ईमेल का जब कोई जवाब नहीं मिला तो वे धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो गए। कुलपति आवास पर उनके धरने पर बैठने से अधिकारियों के हाथपांव फूलने लगे। बीएचयू प्रशासन ने धरना समाप्त कराने की जिम्मेदारी संकाय प्रमुख प्रो. केएन द्विवेदी को सौंपी। 

वहीं प्रो. द्विवेदी ने आंदोलनरत छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। छात्रों का आरोप है कि देरशाम चीफ प्राक्टर ने धरना समाप्त कराने के लिए उन्हें धमकाया। इसके बाद छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया। वैसे सीटें बढ़ाने का निर्णय इतना आसान नहीं है। भले ही शिक्षकों की नियुक्ति अधिक हो गई है। 

वहीं लेकिन सीटें बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। इसके लिए पैरा मेडिकल स्टाफ, अस्पताल में बेड, टेक्नीकल स्टाफ व अन्य सुविधाएं बढ़ानी पड़ेगी। इस पर बीएचयू पर अतिरिक्त लगभग 30 करोड़ का भार आएगा। इस लिए प्रशासन सीटें बढ़ाने से परहेज कर रहा है।