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यूपी : मेरठ में नगर निगम की टीम जल्द शुरू करेगी आवारा कुत्तों की नसबंदी।
मेरठ। दिल्ली-देहरादून हाइवे के समीप शंकर नगर फेस दो स्थित आवारा कुत्तों के नसबंदी केंद्र में आइसोलेशन वार्ड बनकर तैयार हो गया है। अब किसी भी दिन से आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का अभियान नगर निगम शुरू कर सकता है। इसकी तैयारी निगम स्तर पर की जा रही है।
वहीं नगर निगम ने नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सीनेशन कार्यक्रम की मानिटरिंग के लिए एक मानिटरिंग समिति का गठन कर दिया गया है। जिसके अध्यक्ष नगर आयुक्त मनीष बंसल हैं। जबकि सदस्यों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा गजेंद्र सिंह, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा एके कंसल और नगर निगम के तीनों वाहन डिपो प्रभारी शामिल किए गए हैं।
वहीं इस समिति का काम आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन के दौरान एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया के नियमों का पालन कराना होगा। आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सीनेशन के लिए मेसर्स श्याम हेल्पिंग इनसाइट एजेंसी को अनुबंधित किया गया है। प्रति कुत्ता 998 रुपये के हिसाब से अनुबंध हुआ है।
वहीं एजेंसी ने शंकर नगर फेस टू स्थित आवारा कुत्तों की नसबंदी केंद्र में आपरेशन थिएटर में उपकरण लगा दिए हैं। शहर के विभिन्न स्थानों से आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनको नसबंदी केंद्र तक लाने के लिए एक डाग वैन तैयार कर ली गई है।
वहीं दूसरी तरफ़ पशु चिकित्सा एवं पर कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह ने बताया सोमवार से अभियान की शुरुआत की जा सकती है। पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह ने बताया कि ओटी करीब 20 दिन पहले तैयार हो गया था। लेकिन एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया के अनुसार एक आइसोलेशन वार्ड बनाना जरूरी था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने तैयारियों की जानकारी ली थी।
वहीं उनकी टीम के सदस्य ने निरीक्षण भी किया था। आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया था। जो बना लिया गया है। इस वार्ड की उपयोगिता इतनी है कि नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन के दौरान कोई कुत्ता बीमार पड़ेगा तो उसका उपचार यहीं रख कर किया जाएगा। उसे डाग्स केनल्स में नहीं रखा जाएगा। डाग्स केनल्स में केवल स्वस्थ कुत्ते नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन के बाद दो दिन तक रखे जाएंगे। कुल 39 डाग्स केनल्स बनाये गए हैं।
वहीं पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह के अनुसार प्रतिमाह 1000 कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का लक्ष्य रखा गया है। साल में 12000 कुत्तों की नसबंदी होगी। यह अभियान लंबा चलेगा। क्योंकि अनुमान है कि नगर निगम क्षेत्र में कम से कम आवारा कुत्तों की संख्या 50,000 होगी। एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम से इनकी बढ़ती आबादी पर नियंत्रण होगा।