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यूपी : वाराणसी में मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर बुलडोजर की आरती के स्वर से गूंजा धुरंधर हास्य कवि सम्मेलन।
वाराणसी। मूर्ख दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को असि घाट पर वसुधैव कुटुम्बकम के बैनर तले हास्य के विभिन्न विधाओं से युक्त सत्रहवां घुरंधर हास्य महोत्सव 2022 का आरम्भ बुलडोजर के विधिवत पूजन, हवन तथा बुलडोजर की आरती से हुआ। जय-जय बुलडोजर जी चर्चा आपकी है बस गांव-गांव घर-घर जी के सस्वर पाठ के बीच विचित्र ढंग से बुलडोजर की आरती का स्वर गूंजा। इसके बाद धुरन्धर शपथ ग्रहण के तहत कवियों को अपनी ही कविता सुनाने की शपथ दिलायी गयी।
वहीं 126 वर्षीय मुख्य अतिथि पद्मश्री स्वामी शिवानन्द बाबा के सानिध्य में ईर्ष्या, द्वेष, मंहगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार जैसी तमाम विसंगतियों के बावजूद हास्य के स्थायी प्रतिस्थापना हेतु हर हाल में हंसते हुए जीवन जीने का शपय मंचासीन अतिथियों व श्रोताओं को दिलाया गया। इसके बाद “धुरंधर फाइल्स- धुरन्धर हास्य महोत्सव के सत्रह वर्षों का स्वर्णिम दस्तावेज" का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर कवियों व अतिथियों को अगड़म बगड़म चीजों से बनी मालायें हास्य चश्मा व उपहार में बुलडोजर आदि प्रदान किया गया।
वहीं महोत्सव में इस वर्ष कुमारी राजलक्ष्मी द्वारा गणेश वन्दना (नृत्य), काशी कत्थक कला केन्द्र के मोहन मिश्र व अन्य कलाकारों द्वारा हास्य नृत्य, वैभव सिंह द्वारा नेताओं, अभिनेताओं की नकल (मिमिक्री) तथा रैप कलाकार विकास तिवारी द्वारा रैप व शिव ताण्डव की प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी। इसके बाद वरिष्ठ गीतकार पं. हरियम द्विवेदी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय धुरन्धर हास्य कवि सम्मलेन में डण्डा बनारसी, लालजी यादव उर्फ झगडू भैया, प्रीति पाण्डेय (प्रतापगढ़), शैलेन्द्र मधुर (प्रयागराज), अतुल वाजपेयी (लखनऊ) सहित बदरी विशाल, डा० धर्म प्रकाश मिश्र, नागेश शांडिल्य तथा रूद्रनाथ त्रिपाठी 'पुंज' आदि कवियों ने देर रात तक श्रोताओं को खूब हंसाया।
वहीं इस वर्ष का स्व० पं० धर्मशील चतुर्वेदी स्मृति घुरन्धर हास्य सम्मान, डण्डा बनारसी को, स्व. श्रीकृष्ण तिवारी स्मृति धुरन्धर गीत सम्मान शैलेन्द्र मधुर (प्रयागराज ) को, स्व. चन्द्रशेखर मिश्र स्मृति धुरन्धर ओज सम्मान डा. अतुल वाजपेयी, लखनऊ को तथा स्व. रामजियावन दास बावला स्मृति धुरन्धर लोक कवि सम्मान लालजी यादव उर्फ झगडू भैया को दिया गया।
वहीं महोत्सव के विशिष्ट अतिथि जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चन्द्र शुक्ला, (एडवोकेट) थे। महोत्सव व कवि सम्मलेन का संचालन संयोजक व हास्य कवि नागेश शांडिल्य ने किया। धन्यवाद जनार्दन शांडिल्य ने ज्ञापित किया। महोत्सव में रूप से गोपाल शुक्ला, मदन पाण्डेय, मनोज राय, संजीवधर दूबे, रामभरत ओझा, चन्नी सेठ, लल्लन तिवारी, डा० सरोज पाण्डेय, विनय मिश्रा, नारे, जयप्रकाश मिश्रा आदि थे।