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यूपी : कानपुर नगर के कल्याणपुर में लकी हास्पिटल में युवक की हथेली काटने के मामले में पुलिस ने अब तक नहीं दर्ज की एफआइआर।
कानपुर। कल्याणपुर क्षेत्र में बिना पंजीकरण के संचालित लकी हास्पिटल में हुए अंग-भंग प्रकरण की जांच स्वास्थ्य विभाग की कमेटी ने पूरी कर ली है। सीएमओ ने जांच रिपोर्ट कल्याणपुर थाने की पुलिस को सौंपने का दावा किया है। उसके बावजूद पुलिस ने संचालक प्रदीप कुमार राजपूत और शिवकेश राजपूत के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की है।
वहीं लकी हास्पिटल के संचालकों की लापरवाही से बिठूर के टिकरा के लोहार खेड़ा निवासी अशोक राजपूत के दाहिने हाथ का अंगूठा और आधी हथेली काटनी पड़ी थी। पीडि़त सब्जी विक्रेता न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। उसकी माली हालत ठीक नहीं है। इलाज भी ठीक से न होने से संक्रमण बढ़ता जा रहा है। पीडि़त ने संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए 23 फरवरी को तहरीर दी थी।
वहीं जिसे पुलिस दबा कर बैठ गई थी। दोबारा तहरीर देने पर थानाध्यक्ष ने 1 मार्च को सीएमओ से रिपोर्ट मांगी थी। सीएमओ डा. नैपाल सिंह का कहना है कि तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। उसकी रिपोर्ट नर्सिंग होम के नोडल अफसर एवं एसीएमओ ने कल्याणपुर पुलिस को भेज दिया है। वहीं, एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश यादव का कहना है कि रिपोर्ट गोपनीय है।
वहीं पीडि़त अशोक ने डीएम से शिकायत की थी। उस पर एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश यादव आधा नर्सिंग होम सील कर आए थे। बाद में डीएम ने सख्ती दिखाई तो उन्होंने पूरा लकी हास्पिटल को सील किया।
वहीं लकी हास्पिटल के दो संचालक हैं, उसमें से एक सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं। अंग-भंग मामले के दोनों संचालक जब फंसने लगे तो अब वह बचने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार थानाध्यक्ष के हमराही से भी सेटिंग भिड़ाई है कि, अगर एफआइआर दर्ज हो तो उनका नाम न शामिल किया जाए।
वहीं स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और संचालकों के गठजोड़ की वजह से अब तक पीडि़त को न्याय नहीं मिल सका है। वह कार्रवाई के लिए इधर-उधर घूम रहा है। उसे आरोपित संचालकों की ओर से धमकी भी मिल रही है। वहीं, उसका हाथ भी दिनोंदिन खराब होता जा रहा है। पीडि़त अशोक ने बताया कि डाक्टर जल्द से जल्द इलाज कराने के लिए कह रहे हैं, नहीं तो पूरा हाथ काटना पड़ सकता है।