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यूपी : वाराणसी लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर गांव के रहने वाले अनिल सिंह का इकलौता संतान मनीष सिंह को पुलिस ने किया ढेर।
वाराणसी। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर गांव के रहने वाले अनिल सिंह का इकलौता संतान मनीष सिंह मां की मौत के बाद अपने ननिहाल उंदी, चोलापुर चला गया। तब कक्षा 8 की पढ़ाई कर रहा था। जहां दसवीं भी पास नहीं कर पाया और मनबढ़ होने के कारण मारपीट करने लगा।
वहीं चोलापुर में दर्ज मारपीट और आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ। 2015 के पंचायत चुनाव में मनीष अपने चचेरे भाई को चुनाव जितवाना चाहता था, लेकिन उस समय पुलिस काफी सक्रिय हो गई जिसके बाद उसका वर्चस्व नहीं बन पाया। रोहनिया ,जैतपुरा और लंका पुलिस ने कई कुर्की की कार्रवाई भी की थी ।
वहीं प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को दिनदहाड़े लोहता के सभईपुर रिंग रोड बनकट फाटक के पास घेराबंदी कर आतंक का पर्याय बने दो लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदमाश मनीष सिंह सोनू को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस दौरान उसका एक साथ एसटीएफ को चकमा देकर फरार हो गया।
वहीं उसकी तलाश की जा रही है। मनीष सिंह के पास से नाइन एमएम की कारबाइन, हैंडबैग व 20 कारतूस बरामद किए गए। उस पर वर्ष 2007 से लेकर अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानों में 32 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इंटरनेट कालिंग का उपयोग करने वाले मनीष के गिरोह के सरगना रोहित सिंह उर्फ सनी, रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू व दीपक वर्मा जैसे अपराधियों को एसटीएफ व वाराणसी क्राइम ब्रांच पहले ही मुठभेड़ में मार चुकी है।
वहीं दरअसल, एसटीएफ व जिले की पुलिस लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी मनीष की तलाश में लगातार लगी हुई थी। एक- दो मौके जरूर मिले, लेकिन उस दौरान कामयाबी नहीं मिली। एसटीएफ की स्थानीय इकाई के एएसपी विनोद कुमार सिंह को सोमवार को इनपुट मिला कि मनीष बनकट रेलवे फाटक के पास मौजूद है।
वहीं इस पर तत्काल उसकी घेरेबंदी की गई तो खुद को घिरता देख मनीष ने कारबाइन से फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ के डीएसपी शैलेंद्र प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव व पुनीत परिहार सहित टीम में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों ने खुद को बचाते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक गोली मनीष के सीने में जा लगी और वह मारा गया।