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यूपी : सोनभद्र में तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन वाला स्टेशन बन गया है रिहंद।

यूपी : सोनभद्र में तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन वाला स्टेशन बन गया है रिहंद।


सोनभद्र। मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) देवव्रत पाल ने कहा कि रिहंद स्टेशन के कर्मियों व अधिकारियों में विषम से विषम परिस्थितियों में भी चुनौती स्वीकार करने की क्षमता है। यह स्टेशन 500 मेगावाट से शुरू होकर आज 3000 मेगावाट उत्पादन की क्षमता वाला स्टेशन बन गया है। रिहंद स्टेशन नैगम सामाजिक दायित्व निर्वहन की कड़ी में भी ग्रामों के सर्वांगीण विकास में भी अहम भूमिका का निर्वहन कर रहा है। 

वहीं यह बातें मुख्य महाप्रबंधक ने एनटीपीसी के रिहंद स्टेशन में सोमवार को शिवालिक अतिथि गृह में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। कहा कि नैगम सामाजिक दायित्व निर्वहन की कड़ी में ग्रामों के सर्वांगीण विकास में भी सीएसआर विभाग अहम भूमिका का निर्वहन कर रहा है।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि एनटीपीसी रिहंद द्वारा किए जा रहे सामुदायिक कल्याण व पर्यावरण हितैषी कार्यों को बढ़ावा देने में सभी की भूमिका सराहनीय है। पाल ने कहा कि 3000 मेगावाट की क्षमता के अतिरिक्त 20 मेगावाट सौर ऊर्जा का कार्य निर्माणाधीन है। रिहंद स्टेशन पर्यावरण संरक्षण एवं उद्योग समन्वय में भी महत्वपूर्ण भूमिका को निभा रहा है। राख़ उपयोगिता की वृद्धि में इसका प्रभावी कदम है। 

वहीं संपूर्ण आयोजन कोविड़-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए उससे संबंधित दिशा-निर्देशों अनुपालन में सम्पन्न किया गया । एनटीपीसी रिहंद में 22 मार्च से 29 मार्च के बीच जल संरक्षण एवं संवर्धन सप्ताह मनाया जा रहा है। वहीं कार्यक्रम में श्रीकृष्णा महाप्रबंधक (ऑपरेशन), पंकज मेदिरत्ता महाप्रबंधक (अस्पताल), रेनू सक्सेना, महाप्रबंधक (परियोजना), रवि शंकर महाप्रबंधक (मानव संसाधन), वी जयनरायणन महाप्रबंधक (ऐश डाइक प्रबंधन), राजीव कुमार सिन्हा व अन्य वरिष्ठ प्रबंधक मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) एसवीडी रवि कुमार ने किया। संचालन कार्यपालक (नैगम संचार) शिक्षा गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबन्धक (मानव संसाधन) वी. जयनरायणन ने किया।

वहीं निर्माणाधीन ओबरा सी से 31 दिसंबर 2022 तक कामर्शियल उत्पादन शुरू हो जाएगा। 1320 मेगावाट क्षमता के ओबरा सी में फिलहाल बायलर परीक्षण का कार्य जारी है। 660 मेगावाट की पहली इकाई का आक्जलरी बायलर लाइटअप पूरा कर लिया गया है। बायलर लाइटप के लिए तमाम तकनीकी परीक्षण किए जा रहे हैं। संभावना है कि मानसून सत्र के अंत तक इकाई को सिंक्रोनाइज करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ओबरा सी की दूसरी इकाई से वर्ष 2023 के अंत तक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम 660 मेगावाट की कुल 10 इकाइयों की स्थापना पर काम कर रहा है।