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यूपी : गोरखपुर में शातिर ढाटा और इमाम के नेटवर्क को खोज रही एसटीएफ टीम।

यूपी : गोरखपुर में शातिर ढाटा और इमाम के नेटवर्क को खोज रही एसटीएफ टीम।


गोरखपुर। एसटीएफ लखनऊ टीम की निगाहें नेपाल व सीमा से सटे गांवों में चल रहे मादक पदार्थ के धंधे पर है। वह इसके दो अहम मोहरों की खोज में लगी है। इनकी लोकेशन नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में मिलने से एसटीएफ दो बार सिद्धार्थनगर जनपद का चक्कर लगा चुकी है। 

वहीं जरायमपेशा ने अपने नेटवर्क को महानगरों तक फैला रखा है। वहां पैडलर के माध्यम से चरस व अन्य मादक पदार्थ बाजार व ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। नेपाल से रोजाना थोड़ी- थोड़ी मात्रा में मादक पदार्थ सीमा पार हो रही है। जिसे गांवों में एकत्र करके बाहर भेजा जाता है।

वहीं 18 फरवरी को एसटीएफ व एसओजी सहारनपुर की संयुक्त टीम ने 21.800 किलो चरस के साथ महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए आरोपित मिश्रौलिया थाना के गौरडीह गांव निवासी मोहम्मद अनीस, नेपाल के कपिलवस्तु जिला के थाना गणेशपुर के गांव लौहरौला गांव निवासी महेंद्र व नेपाल के ही गुलरिया थाना के बरतिया गांव की शीतल शर्मा से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली। 

वहीं चरस की खेप के सिद्धार्थनगर का सीधा तार जुड़ने से एजेंसी हरकत में आ गई। कई लोगों की हरकतों पर निगाह भी रख रही है। पकड़े गए नेपाल निवासी दोनों आरोपितों का गांव भी सीमा से महज दस किमी की दूरी पर स्थित है। वहीं महिला आरोपित ने तो अपना स्थायी ठिकाना दिल्ली में बना रखा है।

वहीं पकड़े गए आरोपितों ने एजेंसी को कई अहम जानकारियां दी हैं। पूछताछ में इन्होंने बताया कि चरस की खेप नेपाल के ढाटा नामक व्यक्ति से मिलती है। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खेतों के रास्ते इसे लेकर सीमा पार कराया जाता है। किसी गांव में एकत्र करने के बाद खेप लेकर तीन से चार लोग डिलेवरी देने के लिए रोडवेज बस से निकलते हैं। रास्ते में दो से तीन बार बस को बदलते हैं, जिससे किसी को शक नहीं हो। चरस की खेप सहारनपुर निवासी इमाम नामक व्यक्ति को देनी थी।

वहीं दूसरी तरफ़ पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने बताया कि सहारनपुर में चरस के साथ पकड़े गए आरोपित के संबंध में पुलिस छानबीन कर रही है। वह कुछ समय से गांव में नहीं रह रहा था। इस दौरान वह कहां था, इसकी जांच की जा रही है। उसके संपर्क में रहने वालों पर भी निगाह रखी जा रही है। एसओजी टीम को लगाया गया है। सहारनपुर एसओजी से समन्वय स्थापित कर नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा। एसटीएफ को जांच में पुलिस पूरा सहयोग प्रदान करेगी।