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यूपी : वाराणसी में बन रही हैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर की मूर्ति, वहीं मूर्तिकार बद्री प्रसाद गायिका आशा भोसले को देंगे सौगात।
वाराणसी। कलाकार दौलत का नहीं सम्मान का का भूखा होता है। उस सम्मान को वह जिंदगी भर बहुमूल्य रत्न की तरह सहेजता है, ताकि भावी पीढ़ी का भी उससे जुड़ाव हो सके। यह कहना है जदूमंदी निवासी मूर्तिकार बद्री प्रसाद प्रजापति का। इन दिनों वह भारत की बुलबुल, सुर साम्राज्ञी भारतरत्न स्व. लता मंगेशकर की मूर्ति को बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं।
वहीं मूर्तिकार बद्री प्रसाद प्रजापति कहते हैं कि लता दीदी का काशी से बहुत गहरा नाता रहा है। यहां के कलाकारों और संगीतज्ञों के बीच वह हमेशा अजर अमर रहेगी। बद्री प्रसाद प्रजापति की ख्वाहिश है कि वह लता दीदी की एक मूर्ति तैयार कर उनकी बहन आशा भोसले को मुंबई जाकर भेंट करें। उनकी यह ख्वाहिश भी पूरी होती दिख रही है।
वहीं महज पांच दिनों में ही उन्होंने लता दीदी की मूर्ति को आकार दे दिया है। उनका मानना है कि काशी के माटी के कलाकारों द्वारा यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मेरा सौभाग्य है कि मैंने उनकी मूर्ति को आकार दिया है। इस मूर्ति को बेहतर तरीके से भाव उकेरना एक चुनौती है।
वहीं बद्री प्रसाद प्रजापति मूर्ति को आकार दे चुके हैं। लता दीदी की यह मूर्ति एक फीट की है। इस समय मूर्ति को पकाने का काम हो रहा है। इसके बाद मूर्ति का रंगरोगन किया जाएगा। इस कार्य में उनका सहयोग अमित कुमार पाल कर रहे हैं। माटी की यह मूर्ति लता दीदी की उम्र के हिसाब से गढ़ी गई है। इसमें उनकी साड़ी तिरंगा रंग में रंगी जाएगी।
वहीं बद्री प्रसाद प्रजापति अब तक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, भारतरत्न पं . रविशंकर, शहनाई के शाहंशाह उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, तबला सम्राट पद्मभूषण पं. किशन महराज, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद, पं . मदनमोहन मालवीय, काशीनरेश स्व. विभूतिनारायण सिंह, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा की मूर्तियों को गढ़ चुके हैं।