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यूपी : मऊ में प्रथम महिला विधायक काे लेकर टक्कर, घोसी, मधुबन व मुहम्मदाबाद गोहना सीट से हैं प्रबल दावेदार।
मऊ। 18वीं विधानसभा चुनाव में प्रथम महिला विधायक को लेकर जनपद के तीन सीटों पर कांटे की लड़ाई है। इसमें मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी पूनम सरोज, मधुबन से बसपा प्रत्याशी नीलम कुशवाहा और घोसी से कांग्रेस की प्रियंका यादव चुनाव मैदान में हैं।
वहीं देखना है कि तीनों विधानसभा सीटों में से किस सीट से आधी आबादी के सिर जीत का ताज सजता है और आजादी के बाद से चल रहा यह मिथक टूटता है। केवल मऊ की सदर सीट पर कोई महिला प्रत्याशी नहीं है। यह सीट से माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी सुभासपा से उम्मीदवार हैं। ऐसे में यह सीट पूरी तरह से हाट बनी हुई हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ इस सीट से कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा रामविलास चौहान, सपा से उमेश पांडेय, बसपा से नीलम सिंह कुशवाहा, कांग्रेस अमरेशचंद्र पांडेय, आप से फौजी किशनलाल गोंड, जन अधिकार पार्टी दिनेश, विकासशील इंसान पार्टी से भरत सिंह, राष्ट्रीय समाज दल रामप्रवेश व रविंद्र, सूर्यकुमार दूबे, सुशील, सूरज कुमार पांडेय निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
वहीं यहां सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जान फूंक चुके हैंं। मतदान में मात्र कुछ समय शेष रह गया है, ऐसे में हर दल अपनी दावेदारी साबित करने में जुटा हुआ है। वैसे भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस में संघर्षपूर्ण लड़ाई हैं। फिलहाल सभी प्रत्याशियों के जीत के अपने-अपने दावे भी हैं। इस सीट पर आधी आबादी विधायक बनने से दूर रही हैं।
वहीं इस सीट से कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है। यहां भाजपा से विजय राजभर, सपा से दारासिंह चौहान, कांग्रेस से प्रियंका यादव, बसपा से वसीम इकबाल उर्फ चुन्नू, विकासशील इंसान पार्टी दीनानाथ , आप से पंकज कुमार, पीस पार्टी फुजैल अहमद, जनता दल यूनाइटेड विक्रम चौहान, वतन जनता पार्टी हृदय नारायण राय व निर्दलीय किशनदेव चौहान शामिल हैं।
वहीं यहां भी भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस के बीच जबरदस्त लड़ाई हैं। यहां एक दूसरे प्रत्याशी के वोट को काटने की अंतिम प्रक्रिया चल रही हैं। सुबह मतदान के बाद सभी की मेहनत दिखेगी। यही नहीं अन्य दल भी अपने जीत का आंकलन कर लड़ाई में होना मान रहे हैं। इस सीट पर कभी भी आधी आबादी का कब्जा नहीं रहा है।
वहीं इस सीट पर कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा से पूनम सरोज, सपा राजेंद्र कुमार, बसपा से धर्मसिंह गौतम, कांग्रेस से बनवारी राम, आप से अंकित कुमार राव, जन अधिकार पार्टी से महेंद्र सोनकर व निर्दलीय दीनानाथ प्रसाद व मोनू शामिल हैं। यहां भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं।
वहीं हर कोई अपने-अपने पक्ष में वोट करने के लिए पूरी ताकत लगा दिया है। यहां रविवार की सुबह से लेकर देर रात तक प्रत्याशी कांबिंग करते रहे। चारों दल अपनी जीत पक्की मान एड़ी-चोटी लगा दिए हैं। दोनों निर्दली भी अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। इस सीट पर भी कभी महिला प्रत्याशी कोई चुनाव नहीं जीती हैं। इस बार महिला प्रत्याशी को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
बता दें कि इस सीट से कुल तेरह प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इसमें भाजपा से अशोक कुमार सिंह, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अब्बास अंसारी, बसपा से भीम राजभर, कांग्रेस माधवेंद्र बहादुर, पीस पार्टी मुनौवर, जनता क्रांति पार्टी राष्ट्रवादी रामकिशोर, आप से विक्रमजीत सिंह, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया कम्युनिस्ट से शैलेंद्र, निर्दलीय जितेंद्र सिंह चौहान, परमहंस, मोबीन अहमद व राजपत चौहान शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ इस सीट से मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी के मैदान में रहने से यह सीट पूरी तरह से हाट बनी हुई है। यहां सुभासपा, भाजपा, बसपा व कांग्रेस में कांटे की लड़ाई है। हर कोई अपने-अपने जीत को पक्की मान रहा है। फिलहाल यहां राष्ट्रवाद व माफियाराज खात्मे को लेकर बहस तेज है। इसके अलावा अन्य दल भी अपनी जीत पक्की मानकर अंतिम ताकत झोंके हैं।