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यूपी : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आज हंगामा के दिख रहें आसार, वहीं आफलाइन परीक्षा का विरोध कर रहे छात्र।

यूपी : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आज हंगामा के दिख रहें आसार, वहीं आफलाइन परीक्षा का विरोध कर रहे छात्र।

                      A.P. Kesharwani City Reporter

प्रयागराज। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में शुक्रवार को हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं। छात्रों की तरफ से इसकी रणनीति भी बना ली गई है। छात्र आफलाइन मोड में परीक्षा कराए जाने का विरोध कर रहे हैं। जबकि विश्‍वविद्यालय ने आफलाइन मोड में परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में छात्रों के आक्रोश को देखते हुए एहतियातन पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई है।

वहीं स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आफलाइन मोड में ही आयोजित कराई जाएंगी। डीन साइंस प्रोफेसर शेखर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने यह अहम निर्णय लिया है। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने गुरुवार को कमेटी की रिपोर्ट पर अंतिम मुहर लगा दी। परीक्षाएं मई के पहले सप्ताह में कराई जाएंगी। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह की तरफ से दो दिन के भीतर परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले विरोध शुरू हो गया है।

वहीं परीक्षा समिति ने 22 अप्रैल से स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आफलाइन मोड में कराने का निर्णय लिया था। इस निर्णय से नाखुश छात्र-छात्रों ने परिसर में बखेड़ा शुरू कर दिया था। छात्रों का हंगामा बढ़ता देख इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने डीन साइंस प्रो. शेखर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी। 

वहीं कमेटी ने छात्रों के प्रतिनिधमंडल से वार्ता भी किया लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। विरोध में छात्रों ने परिसर में तालाबंदी करने के साथ पुलिस और इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों पर पत्थर भी बरसाए थे। इस मामले में कई छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई। चीफ प्राक्टर ने छह नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था। पुलिस ने तीन छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा।

वहीं दूसरी तरफ़ रजिस्ट्रार ने नोटिफिकेशन जारी कर छात्रों से प्रत्यावेदन मांगा। इसमें कहा गया कि बहुमत के आधार पर परीक्षा के मोड पर निर्णय लिया जाएगा। पीआरओ डा. जया कपूर ने बताया कि उच्चस्तरीय कमेटी ने प्रत्यावेदन का अवलोकन वरीयता से किया। साथ ही कमेटी ने परीक्षा प्रणाली से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के निर्णयों पर भी विचार किया। 

वहीं दूसरी तरफ़ कमेटी ने सभी विकल्पों पर विस्तार से विश्लेषण किया। उसकी राय थी कि जो भी निर्णय विश्वविद्यालय इस मुद्दे को हल करने के लिए ले, उसमें छात्रों का भविष्य एवं हित सर्वोपरि होना चाहिए। सभी संभावित विकल्पों को ध्यान में रखते हुए और अधिकांश छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने सिफारिश किया कि परीक्षाएं आफलाइन मोड में ही आयोजित कराई जाएंगी। 

वहीं यह भी बताया कि परीक्षाएं मई-2022 के पहले सप्ताह से शुरू होंगी। पाठ्यक्रम में कटौती और प्रश्नपत्रों के प्रारूप के संबंध में परीक्षा समिति के अन्य निर्णय समान रहेंगे। समिति ने यह भी निर्णय लिया कि प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर छात्रों की चिंता को देखते हुए प्रायोगिक परीक्षाएं असाइनमेंट आधारित मूल्यांकन के माध्यम से कराई जाएंगी। यह भी स्पष्ट किया कि प्रायोगिक परीक्षा आफलाइन नहीं होंगी।