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यूपी : चंदौली में चालक बनने को टेस्टिग ट्रैक पर दौड़ाना होगा वाहन।

यूपी : चंदौली में चालक बनने को टेस्टिग ट्रैक पर दौड़ाना होगा वाहन।


चंदौली। ड्राइविग लाइसेंस बनवाने की दिशा में शासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब चालक बनने को टेस्टिग ट्रैक पर वाहन दौड़ाना होगा। इससे ड्राइविग लाइसेंस बनवाने वाले व्यक्तियों की दक्षता का परीक्षण हो सकेगा। यह परीक्षण कोई और नहीं, बल्कि कम्प्यूटर करेगा और पूरी रिपोर्ट देगा। इसके बाद ही उन्हें लाइसेंस जारी होगा। जिले में इसके लिए आटोमेटेड ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। ट्रैक के लिए लगभग एक एकड़ भूमि की जरूरत होगी।

वहीं दरअसल, लाइसेंस बनवाने वाले वाहन चला पाते हैं कि नहीं, इसका टेस्ट देना होता है। अभी तक टेस्ट देने की व्यवस्था जिले में नहीं है, जबकि टेस्ट देने के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाने का प्रविधान है। ट्रैक बनने के बाद वाहन चालकों की दक्षता की जांच आसानी से हो सकेगी। इस ट्रैक पर आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। 

वहीं इन उपकरणों को संचालित करने की जिन्हें जानकारी होगी, उन्हें ही ड्राइविग लाइसेंस जारी होगा। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। भूमि उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को विभाग पत्र भेजेगा। नई व्यवस्था के अनुसार लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को यहां गाड़ी चलाकर दिखानी पड़ेगी। इसके बाद ही उनके लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

वहीं ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक पर चालक की दक्षता जांच के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। टेस्ट देने के दौरान अभ्यर्थियों की दक्षता रिपोर्ट कम्प्यूटर देगा। वाहन को दाएं-बाएं करने के अलावा स्पीड व अन्य उपकरणों को आपरेट करने में अभ्यर्थी कितने दक्ष हैं, यह कंप्यूटर ही बताएगा। हालांकि इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी भी रहेंगे।

वहीं दूसरी तरफ़ डा. दिलीप गुप्ता, एआरटीओ प्रशासन  ने बताया कि जिले में ड्राइविग की टेस्ट लेने के लिए आटोमेटेड ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। ट्रैक बनने से सहूलियत होगी, इसके बन जाने के बाद कुशल ड्राइवर निकल सकेंगे। एक एकड़ में आटोमेटेड ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक बनाने की योजना है।