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यूपी : वाराणसी में पंजीकृत श्रमिकों को योजना का लाभ से अब बेटियों के हाथ पीले करने में पिता नहीं होंगे लाचार।
वाराणसी। एक बेटी का पिता होना किसी के लिए वरदान है तो किसी के लिए अभिशाप। अभिशाप इस लिए कि आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी दहेज रूपी दानव का शिकार है। एक पिता ऐसे संकट से पार पाने के लिए जिंदगी भर की कमाई भी बेटी के विवाह पर खर्च कर दे तो भी उन्हें वर पक्ष का ताउम्र तंज सुनना पड़ता है।
वहीं इस भयावह स्थिति में श्रम विभाग का कन्या विवाह सहायता योजना राहत देने का काम कर रही है। ये हम नहीं बल्कि योजना से लाभान्वित श्रमिकों का कहना है। इस मामले में समाज सुधारक के रूप में महात्मा गांधी ने भी कहा था कि दहेज प्रथा खरीद-बिक्री का कारोबार हैं। कोई भी युवक, जो दहेज को विवाह की शर्त रखता है। वह अपने शिक्षक व देश को कलंकित करता है।
वहीं उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड अंतर्गत कन्या विवाह सहायता योजना में उन श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए 55 हजार रुपये देने का प्रविधान है जो पंजीकृत हैं। सभी निर्माण से जुड़े श्रमिक की उम्र 18 से 60 वर्ष होना जरूरी है। पंजीकरण के समय पिछले 12 माह में 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में काम जरूरी है।
वहीं दूसरी तरफ़ पंजीकरण कराने में दो पासपोर्ट साइज फोटो, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति लगाना जरूरी है। पंजीकृत कामगार को हर साल अपने पंजीकरण को नवीनीकृत कराना होगा।
वहीं योजना का लाभ पाने के लिए कर्मकार की नवीनतम फोटो 50 केवी तक अपलोड करना है। घोषणापत्र को डाउनलोड कर फिर उसे भरकर अपलोड करना है। आधारकार्ड और बैंक का विवरण फार्म भरते समय अपने पास रखें और सही सूचनाएं भरें। ओटीपी वेरिफिकेशन और पासवर्ड के लिए मोबाइल पास में रखें। परिवार के सभी सदस्यों का विवरण नामिनी के लिए रखें। उसके बाद सही से भरकर आवेदन करें।
वहीं लाभान्वित श्रमिकों ने बताया कि शादी के बाद वर-वधू दोनों पक्ष के सभी कागजात जिसमें मुख्यरूप से शादी कार्ड, आधार कार्ड, कुटुंब रजिस्टर, आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड, परिवार का आय प्रमाण पत्र, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र व मूल निवासी प्रमाण पत्र जमा किया था।