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उत्तराखंड : उधमपुर में सात जन्मों तक साथ जीने-मरने का वादा निभा गए प्रवीण व रीता।

उत्तराखंड : उधमपुर में सात जन्मों तक साथ जीने-मरने का वादा निभा गए प्रवीण व रीता।


ऊधमपुर। सात जन्मों के लिए जीवन साथी बने प्रवीण और रीता देवी शुक्रवार को एक ही चिता पर एक साथ पंच तत्व में विलीन हुए। स्वजन के साथ बड़ी संख्या में गांववासियों ने नम आंखों से दोनों को अंतिम विदाई दी। वहीं हादसे में मारी गई उनकी बेटी और भतीजी को बच्चों के श्मनशानघाट में दफनाया गया।

वहीं वीरवार शाम संथल इलाके में ईको वैन हादसे में प्रवीण कुमार, उसकी पत्नी रीता देवी व दो वर्ष की बेटी प्रीति देवी, सात माह की भतीजी लक्ष्मी देवी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। गांववासियों के मुताबिक तकरीबन सात वर्ष पहले प्रवीण और रीता देवी एक दूसरे के साथ सात जन्मों के बंधन में बंधे थे। जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाने वाले प्रवीण और रीता देवी ने हादसे में एक साथ दुनिया को अलविदा कर जीवन भर साथ जीने और मरने का अपना वादा नहीं तोड़ा।

वहीं मातम और गमगीन माहौल में शुक्रवार दोपहर को दोनों की अंतिम यात्रा घर से निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में गांववासी व आसपास के गावों के लोग के अलावा प्रशासन व अन्य नेता भी शामिल रहे। ठंडा पानी स्थित श्मशान घाट में दोनों पति पत्नी के लिए एक ही चिता बनाई गई। जहां पर धार्मिक परंपराओं के मुताबिक दोनों का अंतिम संस्कार किया गया और दोनों एक साथ पंचतत्व में विलीन हो गए।

वहीं सड़क हादसे में मारे गए दो बच्चों सहित पांच लोगों का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं गंभीर रूप से घायल बच्ची का जम्मू में आपरेशन किया गया है, लेकिन उसकी हालत अभी भी नाजुक है। वहीं हादसे में जीवित महिला की हालत स्थित है। मृतकों के संस्कार के दौरान आर्थिक मदद दी गई। रेडक्रास सोसायटी की ओर से मृतकों को एक लाख और घायलों को पचास हजार रुपये की मदद की घोषणा जिला प्रशासन की ओर से की गई है।

वहीं संथल गांव में वीरवार शाम ईको वाहन के खाई में गिरने से दो बच्चों सहित मारे गए सभी पांच लोगों के शव वीरवार सुबह उनके घर पहुंचे। शवों के पहुंचने के साथ ही मृतकों के घरों और गांव में मातम छा गया। मृतकों के घरों में उनके स्वजन की करुणामयी चितकारें सुन कर इंसान तो क्या पत्थर दिल लोगों की भी आंखें नम हो गईं।

वहीं दोपहर को हादसे में मारे गए दंपती और एक अन्य मृतक बिशन दत्त की अंतिम यात्रा उनके घरों से निकाली गई। मातम और शोक के साथ गांव के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। अंतिम यात्रा में एसडीएम रामनगर गोपाल सिंह, तहसीलदार व अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी, डीडीसी जट्टू राम के अलावा अन्य संगठनों के नेता, जेडईओ रोमालो राम व गणमान्य शामिल हुए। 

वहीं दोपहर करीब दो बजे ठंडा पानी श्मशानघाट पर दो चिताएं बनाए गई। जिसमें एक हादसे में मारे गए दंपती और दूसरी बिशन दत्त के लिए बनाई गई। बिशन दत्त को उसके बड़े बेटे और प्रवीण को भाई ने मुखाग्नी दी। वहीं  श्मशानघाट पर पहुंचे एसडीएम रामनगर ने मृतकों के स्वजन को अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये प्रति परिवार सहायता राशि प्रदान की। एसडीएम रामनगर ने बताया कि डीसी ऊधमपुर इंदु कंवल चिब के निर्देशों पर जिला रेडक्रास सोसायटी की तरफ से मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक मदद का एलान किया गया है।

वहीं ईको वाहन हादसे में मारे गए परिवार की छह वर्ष की बच्ची शिवानी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई है। गंभीर हालत के चलते उसे रामनगर उप जिला अस्पताल से ऊधमपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां से रात साढ़े आठ बजे मेडिकल कॉलेज जम्मू रेफर कर दिया गया। इस बारे में जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. विजय रैना ने बताया कि रात को सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने घायल बच्ची का सफल आपरेशन कर दिया गया है। मगर उसकी हालत अभी भी गंभीर है और उसे आपरेशन के बाद वेंटीलेंटर पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि हादसे में घायल महिला जिला अस्पताल ऊधमपुर में उपचाराधीन है व उसकी हालत स्थिर है।