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वाराणसी : यूपी बोर्ड परीक्षा में अगर अच्छे अंकों के लिए लेखाशास्त्र के नियमों और कांसेप्ट की समझ होना बहुत जरूरी।

वाराणसी : यूपी बोर्ड परीक्षा में अगर अच्छे अंकों के लिए लेखाशास्त्र के नियमों और कांसेप्ट की समझ होना बहुत जरूरी।


वाराणसी। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 मार्च से शुरू हो रही है। ऐसे में अब परीक्षाओं की घंटी बज चुकी है। अब ईमानदारी से पूरी निष्ठा के साथ परीक्षा की तैयारी में जुट जाने का वक्त है। हालांकि परीक्षा को लेकर तनाव में रहने की जरूरत नहीं है। परीक्षाएं मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है जो आप को हर साल देनी पड़ती है।

वहीं ऐसे में परीक्षार्थी के लिए परीक्षा कोई नया शब्द नहीं है। बस आत्मविश्वास बनाए रखने की जरूरत है। वहीं आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए अध्ययन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रही बात इंटर में बहीखाता एवं लेखाशास्त्र का। इसमें सैद्धांतिक प्रश्नों के साथ-साथ क्रियात्मक सवाल भी पूछे जाते हैं।

वहीं गणित की भांति बहीखाता एवं लेखाशास्त्र के सवाल फार्मूले पर आधारित होते हैं। ऐसे में बहीखाता के सवालों को हल करने से पहले लेखाशास्त्र के नियमों को याद रखना आवश्यक है। क्रियात्मक सवालों को हल करने के लिए नियम व डेविट-क्रेडिट को भी समझना होगा। बहीखाता एवं लेखाशास्त्र में प्रत्येक इकाई की तैयारी करते समय थ्योरी के साथ जर्नल लिखें, उसका खाता बनाने एवं चिट्ठा उचित प्रारूप में, अंतिम खाते में कंपनी अधिनियम का निर्धारित प्रारूप, ह्रास के सवाल हल करते समय संपत्ति क्रय-विक्रय की तिथि, वित्तीय वर्ष, ह्रास की दर आदि पर पूरा ध्यान रखना चाहिए जिससे प्रश्न का हल सही एवं उचित प्रारूप में हो तथा पूरे अंक मिले। पाठ्यक्रम में साझेदारी खाते, कंपनी अंश, ऋणपत्र,अंतिम खाते, ह्रास, गैर व्यावसायिक संस्थाओं के खाते आदि सभी पाठ से थ्योरी एवं सवाल पूछे जाते है। अतः पूरे पाठयक्रम को बहुत अच्छे से तैयार करें

वहीं इसके अलावा साझेदारी खाता, कंपनी के लेख ह्रास, गैर व्यापारिक संस्थाओं के लेखे व अनुपात विश्लेषण की तैयारी अच्छे तरीके से करने की आवश्यकता है। एकाउंट में अच्छे अंक मिलने की संभावना अधिक रहती है। गोपी राधा गल्र्स इंटर कालेज वाणिज्य के प्रवक्ता शेष नारायण केशरवानी के अनुसार यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के बहीखाता एवं लेखाशास्त्र के पेपर में अच्छे अंक हासिल करने के कुछ टिप्स इस प्रकार है।


1. परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए माडल पेपर से अभ्यास करें।

2. लेखाशास्त्र में गणित की भांति सवाल भी होते हैं। इन सवालों को रटा नहीं जा सकता है। निरंतर अभ्यास से ही इन सवालों को समझा जा सकता।

3. रटने के स्थान पर लिखकर अभ्यास करना बेहतर होता है। ऐसा करने ने लिखने का भी अभ्यास बना रहता है।

4. हर पाठ के पीछे समरी भी दी रहती है। इस समरी को समझना आवश्यक है।

5. क्रियात्मक प्रश्नों को हल करते समय जर्नल, लेज़र, चिट्ठा सही व उचित प्रारूप में सही-सही हल लिखना चाहिए।

6. क्रियात्मक प्रश्नों का हल सही सही, उचित प्रारूप में करें, आवश्यक हो तो वर्कनोट भी प्रस्तुत करें।

7. कंपनी के अंतिम खाते का सवाल हल करते समय, कंपनी अधिनियम के अनुसार उचित प्रारूप में करें।

8. परीक्षा में प्रश्नपत्रों को पढऩे के लिए 15 मिनट अलग से मिलता है। ऐसे में प्रश्नों का उत्तर देते से पहले अच्छी तरह सवाल पढ़ें।

9. पहले जो प्रश्न सरल लग रहे हो। अर्थात जिन प्रश्नों का उत्तर आता है। उसे हल करें। ताकि समय बर्बाद न हो सके।

10. वहीं महत्वपूर्ण बिंदुओं को काले स्केच पेन से लिखें।

11. सभी प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करें। कोई भी सवाल न छोड़े ।

12. परीक्षा में जो पूछा जाय। उसी का उत्तर दें। अनावश्यक उत्तर को विस्तार न दें।

13. परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
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14. समय के अभाव में कई परीक्षार्थी आते हुए सवाल भी छोड़ देते हैं। जबकि परीक्षार्थियों की क्षमता के आंकलन के अनुसार ही सवाल पूछे जाते हैं।

15. क्रियात्मक प्रश्नों के लिए निरंतर अभ्यास करें।

16. परीक्षा को लेकर मन में किसी तरह का तनाव न रखे। बोर्ड की परीक्षा में सिलेबस से ही पूछे जाएंगे। ऐसे में जो आपने पढ़ा है। उसी का उत्तर देना है।

17. परीक्षा में पांच मिनट रिवीजन के लिए बचा कर रखें। जल्दीबाजी में कुछ छात्र प्रश्न संख्या की गलत लिख देते हैं। रिवीवन कर इस तरह को गड़बड़ी ठीक की जा सकती है।


इकाई (01): साझेदारी से खाते (साझेदार का प्रवेश, अवकाश ग्रहण)। 20 अंक

इकाई (02): अंश, आशय प्रकार, निर्गमन हरण व पुनर्निगमन संबंधी लेखे। 15 अंक

इकाई (03): ऋण-पत्र, आशय प्रकार, निर्गमन व शोधन संबंधी प्रविष्टियां व खाते। 15 अंक

इकाई (04): कंपनी के अंतिम खाते (व्यापार, लाभ-हानि खाता, लाभ-हानि नियोजन खाता, आर्थिक चि_ा) कंपनी अधिनियम के अनुसार 20 अंक

इकाई (05): ह्रास, आशय, विभिन्न विधियां 15 अंक

इकाई (06): गैर व्यावसायिक संस्थाओं के खाते (प्राप्ति व भुगतान खाते एवं आय-व्यय खाते) 15 अंक.

कैसे-कैसे होंगे प्रश्न

-संपूर्ण प्रश्नपत्र चार खंडों में विभाजित रहेगा।

खंड ‘क’ में एक-एक अंक के दस प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न

खंड ‘ख’ में दो-दो अंक के दस अति लघुउत्तरीय प्रश्न।

खंड ‘ग’ मे पांच-पांच अंक के छह लघुउत्तरीय प्रश्न।

खंड ‘घ’ में दस-दस अंक के चार दीर्घ उत्तरीय प्रश्न।