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West Bengal Civic Poll Result: तृणमूल का 108 में से 103 नगर पालिकाओं पर कब्जा, BJP का नहीं खुला खाता

West Bengal Civic Poll Result: तृणमूल का 108 में से 103 नगर पालिकाओं पर कब्जा, BJP का नहीं खुला खाता


कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के 10 महीने बाद, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को निकाय चुनावों में भी पूरे विपक्ष को पटखनी दे दी और राज्य की 108 नगरपालिकाओं में से 102 पर कब्जा कर लिया. राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. तृणमूल कांग्रेस विपक्ष के नेता और नंदीग्राम के भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के गढ़ कांथी नगर पालिका को बचाने में सफल रही.


जबकि पहाड़ की राजनीति में प्रवेश करने वाली नई-नवेली हमरो पार्टी ने टीएमसी, जीजेएम और भाजपा को पीछे छोड़ते हुए दार्जिलिंग नगर पालिका पर कब्जा जमा लिया. CPI (M) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने नादिया जिले की ताहेरपुर नगर पालिका में जीत हासिल की है. पिछले साल विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतकर पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भाजपा एक भी नगर निकाय को जीतने में विफल रही.


कांग्रेस भी एक भी नगर निकाय नहीं जीत सकी, हालांकि इन दोनों पार्टियों ने कुछ शहरों के कुछ वार्डों में जीत हासिल की है. राज्य चुनाव आयोग (SEC) के एक अधिकारी ने कहा, “टीएमसी ने 102 नगरपालिकाएं जीती हैं. वाम मोर्चा और हमरो पार्टी ने एक-एक नगर निकाय जीता है. चार नगर पालिकाओं में त्रिशंकु बोर्ड (किसी को बहुमत नहीं) है.” टीएमसी ने 27 नगर पालिकाओं के सभी वार्डों में जीत हासिल करते हुए विपक्ष की संख्या शून्य कर दी है.


चार नगरपालिकाओं, मुर्शिदाबाद के बेलडांगा, पुरुलिया के झालदा, हुगली के चंपदानी और पुरबा मेदिनीपुर जिले के एगरा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इन नगर निकायों में बोर्ड गठन के लिए निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को निकाय चुनावों में उनकी पार्टी को भारी जनादेश देने के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद दिया और जीतने वाले उम्मीदवारों और समर्थकों से विनम्रता के साथ काम करने का आह्वान किया.

उन्होंने ट्वीट किया, “हमें एक और भारी जनादेश देने के लिए मा-माटी-मानुष का हृदय से आभार. नगर चुनावों में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों को बधाई.” ममता बनर्जी ने एक अन्य ट्विटर पोस्ट में लिखा, “इस जीत के बाद हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. और अधिक समर्पण से काम करना होगा. विजय को विनम्रता से स्वीकार करें. आइए हम एक साथ राज्य की शांति, समृद्धि और विकास के लिए काम करें. जय बांग्ला!”


नंदीग्राम से भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके परिवार को बड़े झटके का सामना करना पड़ा है. क्योंकि टीएमसी ने पिछले चार दशकों से अधिकारी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली कांथी नगर पालिका पर अपना कब्जा जमा लिया है. सुवेंदु अधिकारी के पिता, शिशिर अधिकारी 1971-2009 तक 25 वर्षों के लिए कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष थे, 1981-86 तक के पांच वर्षों को छोड़कर. सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे दिब्येंदु अधिकारी को कमान सौंप दी थी. 2016 के उपचुनाव में दिब्येंदु अधिकारी के सांसद बनने के बाद, उनके छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी ने कांथी नगरपालिका अध्यक्ष का पद संभाला.


जीएनएलएफ के पूर्व नेता और दार्जिलिंग के लोकप्रिय रेस्तरां संचालक अजॉय एडवर्ड्स द्वारा बनाई गई हमरो पार्टी ने पारंपरिक शक्तियों गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, भाजपा और टीएमसी को हराकर इस पहाड़ी शहर की नगरपालिका पर कब्जा जमाया. पश्चिम बंगाल की 108 नगर पालिकाओं में चुनाव निर्धारित थे, लेकिन 27 फरवरी को 107 नगर निकायों में चुनाव हुए क्योंकि टीएमसी ने कूचबिहार जिले में दिनहाटा नगर पालिका को निर्विरोध जीत लिया था. भाजपा ने इस चुनाव प्रक्रिया को “लोकतंत्र का मजाक” करार दिया और हिंसा के विरोध में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया. टीएमसी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्षी दल हार को भांपते हुए बहाने तलाश रहे हैं.