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मुंबई : महाराष्ट्र में 100 करोड़ की वसूली मामले में सीबीआइ ने अनिल देशमुख को हिरासत में लिया गया।
मुंबई। महाराष्ट्र में 100 करोड़ की वसूली के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने बुधवार को मुंबई के आर्थर रोड जेल से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को अपनी हिरासत में ले लिया, जहां वह बंद था। केंद्रीय एजेंसी ने उसके खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया था। जल्द ही उसे सीबीआइ कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वहीं केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत को बताया था कि देशमुख 400 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग मामले में सीबीआइ की पूछताछ से बचने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहे हैं। सीबीआइ ने मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और देशमुख के दो करीबी, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे को हिरासत में लिया है।
वहीं देशमुख के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के मामले में आगे की जांच करने के लिए इन तीनों को हिरासत में लिया गया है। ये तीनों आरोपित देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में विशेष पीएमएलए कोर्ट की न्यायिक हिरासत में थे। सीबीआइ ने सोमवार को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट और स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद इन तीनों को हिरासत में ले लिया।
वहीं सीबीआइ को भी देशमुख को हिरासत में लेने की अनुमति दी गई थी, लेकिन देशमुख के अस्पताल में होने के कारण जांच एजेंसी अदालत के आदेशों के बावजूद उसे हिरासत में नहीं ले सकी। सोमवार को सीबीआइ ने सचिन वाझे और अन्य दो को हिरासत में लेने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया।
वहीं सीबीआइ ने तीनों लोगों की दस दिन की हिरासत मांगी और सचिन वाझे, संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को भी जांच के लिए दिल्ली ले जाना चाहती थी, लेकिन मुंबई की एक विशेष सीबीआइ अदालत ने सीबीआई को तीनों को 11 अप्रैल तक हिरासत में लेने और जांच करने की अनुमति दी।
वहीं मुंबई में ही मामला विशेष सीबीआइ अदालत में उनके मामले पर बहस करते हुए जांच एजेंसी ने अपने वकील के माध्यम से तर्क दिया था। पूर्व गृह मंत्री सीबीआइ की पूछताछ से बचने की कोशिश कर रहे हैं और यही कारण है कि वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे रहे हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। सीबीआइ के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि वे भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे हैं, जिसमें प्रथम दृष्टया 400 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार शामिल है।
वहीं सीबीआई ने कहा कि इस मामले के कई चौंकाने वाले विवरण हैं, जिन पर खुली अदालत में चर्चा नहीं की जा सकती है। सभी आरोपियों को आगे की जांच के लिए दिल्ली ले जाने की उनकी मांग पर बहस करते हुए सीबीआइ के वकील ने कहा कि इन सभी आरोपियों का आपस में और इस मामले के अन्य गवाहों के साथ टकराव की जरूरत है, इसलिए उन्हें दिल्ली ले जाने की जरूरत है। कोर्ट ने सीबीआइ की मांग को ठुकराते हुए इन तीनों आरोपियों से मुंबई में ही पूछताछ करने का निर्देश दिया।
वहीं सीबीआइ ने अनिल देशमुख के स्वास्थ्य के बारे में उनके दावे पर आपत्ति जताई और अदालत को बताया कि एजेंसी ने पिछले हफ्ते अनिल देशमुख को हिरासत में लेने के लिए संबंधित अदालतों के आदेश पहले ही ले लिए थे, लेकिन शनिवार को गुड़ी पड़वा और रविवार होने के कारण वे अनिल देशमुख की हिरासत में नहीं ले सके। जेल से और जब वे हिरासत में लेने के लिए आर्थर रोड जेल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि देशमुख अस्पताल में भर्ती हैं।
वहीं सीबीआइ ने कहा कि तो, यह मामला हो सकता है कि अनिल देशमुख सीबीआई जांच से बचने के लिए चाल चल रहे हैं। सीबीआइ ने विशेष अदालत से अनुरोध किया कि वह जेजे अस्पताल से विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मांगे जहां अनिल देशमुख भर्ती हैं। सीबीआइ की दलीलों का जवाब देते हुए अनिल देशमुख और अन्य तीन आरोपियों के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि इस मामले में सीबीआइ पहले ही इन आरोपियों के बयान ले चुकी है, इसलिए इस मामले में सीबीआइ को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है।