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हरियाणा : डायल 112 के नूंह स्थित मिरर कंट्रोल रूम में मार्च में आई 1 हजार 764 काल।

हरियाणा : डायल 112 के नूंह स्थित मिरर कंट्रोल रूम में मार्च में आई 1 हजार 764 काल।


हरियाणा। नूंह प्रदेश में पुलिस, अग्निशमन और एंबुलेंस जैसी आपात स्थिति के लिए 12 जुलाई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन सेवा के करीब 09 महीने पूरे होने वाले हैं। इस हेल्पलाइन सेवा के तहत नूंह में बने मिरर कंट्रोल रूम में मार्च की अवधि में 1 हजार 764 काल प्राप्त हुई हैं। इसके तहत काल प्राप्त होते ही मदद मांगने वाले व्यक्ति को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई। जिले में अब तक 12 हजार 300 काल प्राप्त हुई है।

वहीं यह जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक वरुण सिगला ने बताया कि त्वरित सहायता के उद्देश्य से शुरू की गई यह हेल्पलाइन जिले में काफी कारगर साबित हो रही है। अब आपातकालीन सेवाओं के लिए-अलग अलग नंबर डायल करने की बजाय तीनों आपात सेवाएं पुलिस, अग्निशमन व एंबुलेंस के लिए फोन से 112 डायल कर इसका लाभ ले सकते हैं। 

वहीं बताया कि प्रदेश सरकार ने पुलिस की आपात सेवा डायल 100, अग्निशमन के लिए 102 व एम्बुलेंस के लिए डायल 108 सेवा को मर्ज कर डायल 112 से जोड़ दिया है। अब किसी भी आपात स्थिति में जरूरतमंद व्यक्ति इस नंबर को डायल कर सेवाओं का लाभ ले सकते है।

वहीं दूसरी तरफ़ जिले में आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति द्वारा यह नंबर डायल करने पर उसकी काल सीधी पंचकूला में बनाए गए कंट्रोल टावर में कनेक्ट होगी। यदि पंचकूला में सभी लाइन व्यस्त हैं तो काल आटोमेटिक जिले में बनाए गए मिरर कंट्रोल रूम में ट्रांसफर हो जाएगी।

वहीं कंट्रोल टावर से काल जुड़ने के पश्चात काल को संबंधित व्यक्ति के नजदीकी इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल से कनेक्ट कर इसकी जानकारी प्रदान की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से आपात स्थिति में काल करने वाले व्यक्ति तक शहरी क्षेत्र में 10 मिनट व ग्रामीण क्षेत्रों में 15 मिनट में पहुंचकर उसकी हर संभव मदद की जा रही है।

वहीं पुलिस अधीक्षक वरुण सिगला ने बताया कि डायल 112 सेवा से जुड़े प्रत्येक वाहन पर 3 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही वाहन के डैशबोर्ड पर आधुनिक पीएफटी यानी पोर्टेबल फील्ड टेबलेट लगाए गए हैं, जोकि सीधे कंट्रोल रूम से जोड़े गए हैं। इसके साथ ही सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया, जिससे मुख्यालय द्वारा वाहन की मूवमेंट भी ट्रेस की होती रहती है।

वहीं हेल्पलाइन 112 पर शिकायतकर्ता चार भाषाओं हिदी, अंग्रेजी, हरियाणवी व पंजाबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए कंट्रोल रूम में विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की नियुक्तियां की गई हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं जैसी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के लिए डायल 112 वाहन में स्ट्रेचर आदि की भी व्यवस्था की गई है। 

बता दें कि डायल 112 से जुड़ी ईआरवी में तैनात सभी कर्मियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में एम्बुलेंस का इंतजार किए बिना डायल 112 ईआरवी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया जाए।

वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जिले में स्थित सभी थानों को 2 -2 की संख्या में इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल प्रदान किए गए हैं। बताया कि जिले में 12 थाने हैं। महिला थाना व ट्रैफिक थाने को छोड़कर सभी थानों में दो-दो ईआरवी कार्य कर रही है।