UP news
यूपी : चंदौली ज़िले के 12 गांवों में खाद्यान्न की दुकानों का होगा आवंटन, वहीं नोडल अधिकारी हुए नामित।
चंदौली। जनपद की 12 ग्राम पंचायतों में रिक्त चल रही सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें 22 अप्रैल तक आवंटित कराई जाएंगी। इसके लिए जिलाधिकारी संजीव सिंह ने जिला पूर्ति अधिकारी व खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है। दरअसल, दुकानें रिक्त होने से कार्डधारकों को खाद्यान्न के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा।
वहीं प्रशासन का मानना कि यह जनहित में उचित नहीं है। इनके आवंटन की प्रक्रिया मार्च में ही पूरी होनी थी, लेकिन विधान परिषद सदस्य के चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता होने से इन दुकानों का आवंटन नहीं हो सका।
वहीं जिलाधिकारी ने दुकानों के आवंटन के लिए तिथियां निर्धारित कर दी हैं। सदर, नियामताबाद, चहनियां, धानापुर, सकलडीहा व नौगढ़ में खाद्यान्न की 12 दुकानों का 19 से 22 अप्रैल के बीच आवंटन होगा। इसके लिए नोडल अधिकारियों को भी नामित कर दिया है। कोटेदार के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए रिक्त पड़ी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का आवंटन किया जाएगा।
वहीं यदि कोई समूह दुकान लेने को इच्छुक नहीं होगा तो उस ग्राम पंचायत के दावेदार का चयन कर दुकान आवंटित की जाएगी। पारदर्शिता के लिए नोडल अधिकारी ग्राम पंचायतों की खुली बैठकें कराएंगे। कोटे की दुकानों के आवंटन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को वरीयता दी जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ़ ग्राम पंचायत की खुली बैठक में इनसे प्रस्ताव मांगे जाएंगे। सभी प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। हालांकि यदि किसी समूह ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के लिए दावेदारी पेश की तो वरीयता के आधार पर उसे ही कोटा का आवंटन कर दिया जाएगा। समूह की महिलाओं को तय मानक पूरे करने होंगे।
वहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जिले में दो दर्जन से अधिक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का आवंटन पहले किया जा चुका है। महिलाएं बेहतर ढंग से दुकानें संचालित कर रही हैं। इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आई है। ऐसे में सरकार ने महिलाओं की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है, ताकि आधी आबादी आत्मनिर्भर बन सके।
बता दें कि संजीव सिंह, जिलाधिकारी ने बताया कि ज़िले में रिक्त पड़ी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के प्रस्ताव व आवंटन के लिए तिथियां निर्धारित की गई हैं। नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पारदर्शितापूर्ण ढंग से कोटेदारों के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी समूह की महिलाओं को वरीयता दी जाएगी।