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हरियाणा : हिसार ज़िले में 134-ए के तहत बच्‍चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने में निजी स्‍कूल कर रहे आनाकानी।

हरियाणा : हिसार ज़िले में 134-ए के तहत बच्‍चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने में निजी स्‍कूल कर रहे आनाकानी।


हरियाणा। हिसार जिले में निजी स्कूल 134-ए के तहत पढ़ रहे बच्चों काे अगली कक्षा में दाखिल करने से आनाकाली करने लगे हैं। अभिभावक बच्चों का दाखिला कराने के लिए स्कूल के चक्कर काट रहे हैं। इस बारे में कुछ अभिभावकों से बातचीत की गई तो बोले कि 134-ए बच्चों के पास अच्छा मौका था। बच्चों ने दाखिला पाने के लिए रात एक-एक बजे तक पढ़कर तैयारी की थी, ताकि दाखिले के बाद माता-पिता को परेशानी ना हो।

वहीं अभिभावकों ने कहा कि बच्चों की अच्छी परिवरिश के लिए दाखिला कराया था। अब स्कूल वाले ना हां भर रहे हैं तो ना ही ना कह रहे हैं। सभी स्कूलों ने पांच अप्रैल का समय दिया है। उसके बाद ही दाखिला से संबंधित जानकारी देने को कहा है। अगर स्कूल में दाखिला नहीं हुआ तो अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाना होगा। वरना निजी स्कूलों की फीस नहीं चुका सकते।

वहीं दूसरी तरफ़ अभिभावकों का कहना है कि 134-ए में दाखिला पाने वाले अधिकतर बच्चों के माता-पिता अपना घर खर्चा निकालने में भी सक्षम नहीं है। अगर स्कलों में दाखिला नहीं हुआ तो फीस कैसे चुकाएंगे। इनके बच्चे भी होशियार है। अगर बच्चों को दाखिल के अधिक नंबर लाने को कहा जाए तो वह दिन-रात पढ़कर अच्छे नंबर ला सकते है। ताकि उनको माता-पिता को उनके भविष्य की चिंता ना रहे।

वहीं मधु, राजीव नगर निवासी ने कहा कि मेरा बेटा आशा स्कूल में पढ़ता है। उसका तीसरी कक्षा में दाखिला होना है। स्कूल में दाखिले के लिए गई थी। स्कूल वालों ने दाखिले के लिए न हां भरी और न ही मना किया। मैंने शुल्क के बारे में पूछा था। कुछ नहीं बताया।

वहीं अशोक कुमार, बहबलपुर निवासी ने कहा कि मेरा बेटा न्यू काशी स्कूल में पढ़ाता है। मैं बेटे का पांचवीं कक्षा में दाखिले के लिए स्कूल में गया था। स्कूल स्टाफ ने कहा कि हम नहीं दाखिला करते। जहां जाना है, वहां शिकायत दे दो। हमें किसी से डर नहीं लगता। पहले भी वह आनाकानी कर रहे थे, पर अब साफ मना कर दिया है।

वही फिर अरुण कुमार, कैमरी रोड निवासी ने कहा कि मैं बेटे का दूसरी कक्षा में दाखिला कराने स्कूल में गया था। उन्होंने दाखिला नहीं किया। मंगलवार को बुलाया है। मेरा बेटा शांति निकेतन स्कूल में पढ़ता है।

बता दें कि सुरेंद्र कुमार, अभिभावक ने बताया कि मेरी बेटी का तीसरी कक्षा में दाखिला करवाने के लिए मैं खुद स्कूल गया था। स्कूल वालों ने पहले कहा फीस बकाया पड़ी है और फिर 5 तारीख के बाद आना। मैं कुछ देर स्कूल के बाहर बैठा रहा। एक टीचर से भी मिला और एक और बच्चे का पिता आया हुआ था। वह दाखिला कराना चाहता था। मेरे चार बच्चे है। 

वहीं मेरी बेटी होशियार है। मेरे चार बच्चे है। अगर बेटी का 134-ए में दाखिला नहीं हुआ तो मैं फीस नहीं चुका पाऊंगा। डर है कि बेटी के साथ भेदभाव न करने लगे। बेटी का भविष्य दांव पर लगा है। मैं सेक्टर 14 में अपनी बहन के पास किराए के मकान में रहता हूं। घर खर्चा भी निकालना मुश्किल होता है।