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लखनऊ  : यूपी विद्युत विभाग में 1600 करोड़ के घोटाले की विजिलेंस शुरू हुईं जांच, वहीं दो अवर अभियंताओं पर दर्ज़ हुआ एफआईआर।

लखनऊ : यूपी विद्युत विभाग में 1600 करोड़ के घोटाले की विजिलेंस शुरू हुईं जांच, वहीं दो अवर अभियंताओं पर दर्ज़ हुआ एफआईआर।


लखनऊ। केंद्र सरकार की राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष 2005-06 के दौरान हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने एफआइआर दर्ज कर अपनी जांच के कदम बढ़ाये हैं। लखनऊ समेत 14 जिलों के गांवों के विद्युतीकरण में 1600 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का मामला सामने आया था। 

वहीं नमूने के तौर पर लखीमपुर खीरी में हुई खुली जांच के दौरान घपले के ठोस साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस ने बिजली विभाग के दो तत्कालीन अवर अभियंताओं समेत कार्यदायी संस्था एल एंड टी के प्रोजेक्ट मैनेजर के विरुद्ध गबन, षड्यंत्र व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की है। 

वहीं शासन के आदेश पर विजिलेंस ने पहले नमूने के आधार पर लखीमपुर खीरी के दस गांवों की जांच की, जिसमें सामने आया कि विद्युतीकरण के कार्यों में लगभग 14.63 लाख रुपये का घोटाला हुआ। जिसके बाद आरोपित तत्कालीन अवर अभियंता जहीर हसन व गया सिंह के अलावा कार्यदायी संस्था एल एंड टी, दिल्ली के प्रोजेक्ट मैनेजर के.नारायणन के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई।

वहीं दरअसल, शासन ने विजिलेंस को लखीमपुर खीरी के 632 गांवों में गड़बड़ी के मामले की खुली जांच सौंपी थी। विजिलेंस ने जांच पूरी होने के बाद शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि खीरी के 632 गांवों में किए गये कार्यों व इस योजना के अंतर्गत किए गये अन्य कार्यों में भी सामानों का कम होना प्रतीत हो रहा है। जिसकी विवेचना के दौरान पूरी तरह से जांच की जाएगी। यह भी बताया गया कि सभी गांवों व जिलाों में किए गये कार्यों की गहन जांच के बाद घोटाले की धनराशि कई गुना अधिक हो जाएगी।

वहीं विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सैंपल के आधार पर दस गांवों में हुए कार्यों की जांच में पाया गया कि कार्यदायी संस्था ने पूरा सामान नहीं लगाया, जिसका परीक्षण तथा माप तत्कालीन अवर अभियंता जहीर हसन और गया सिंह ने किया। आरोप है कि अभियंताओं ने कंपनी के प्रतिनिधि के साथ मिलीभगत करके तथ्यों के विपरीत मापन अंकित कर दिया और भुगतान भी करा दिया गया। पड़ताल के कदम बढ़ने पर अब अन्य जिलों के तत्कालीन अधिकारियों की भी मुश्किलें बढेंगी। 

वहीं दूसरी तरफ़ इन जिलों में हुआ था कामः लखनऊ, बांदा, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, श्रावस्ती, बहराइच, हरदोई, उन्नाव, बरेली व लखीमपुर खीरी, कानपुर ।