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यूपी : वाराणसी में पांडेयपुर से आशापुर के बीच 17 फीट तक तोड़ जाएंगे सड़क किनारे के निर्माण।
वाराणसी। पांडेयपुर से आशापुर के बीच सड़क चौड़ीकरण को लेकर लोक निर्माण विभाग ने लाल निशान लगाना प्रारंभ कर दिया है। इससे व्यापारियों में खलबली मच गई है। वजह, कहीं आधा फीट तो कहीं 17 फीट तक निर्माण तोड़े जाने की चेतावनी जारी की गई है। लोक निर्माण विभाग की इस कार्यवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
वहीं विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। नईबस्ती के बाजार में पांडेयपुर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ स्थानीय व्यापारियों ने बैठक की। तय हुआ कि गुरुवार को लोक निर्माण विभाग जाएंगे और जिम्मेदार अफसरों से बात रखेंगे। वहीं बैठक की अध्यक्षता मंडल के संरक्षक जगदीश प्रसाद साहू ने की। पदाधिकारी कवींद्र जायसवाल, नरेंद्र सोनी, मनीष गुप्ता आदि ने लाल निशान की कार्यवाही को गलत बताया।
वहीं कहा कि शहरी क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई कम है जबकि जहां तक नाल निशान लगा है वह बहुत अधिक है। कहा कि यदि लाल निशान के आधार पर निर्माण तोड़ा गया तो कई व्यापारियों के प्रतिष्ठान पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। उनका परिवार भूखमरी की कगार पर आ जाएगा। पदाधिकारियों ने कहा कि विभागीय अफसरों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि जिनके निर्माण तोड़े जाएंगे और सड़क में उनकी जमीनें ली जाएंगी, उनको मुआवजा दिया जाएगा या नहीं।
वहीं लोक निर्माण विभाग जिस माप से लाल निशान लगा रहा है उसके आधार पर सड़क की कुल चौड़ाई 26 मीटर होगी। सड़क के मध्य बने डिवाइडर से 13-13 मीटर चौड़ी सड़क के लिए लाल निशान लगाया जा रहा है। मेरा तो बड़ा नुकसान हो जाएगा। करीब 12 फीट तक निर्माण तोड़ा जाएगा। बाप-दादा ने प्रतिष्ठान का निर्माण कराया था। ऐसे में निर्माण अवैध कैसे हो गया।
वहीं जहां तक निर्माण हुआ है वहां तक का दस्तावेज है लेकिन लोक निर्माण विभाग के अफसर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। आखिर दुकान टूट जाएगी तो रोजी-रोटी खत्म हो जाएगी। हम सभी को पता होना चाहिए कि उन्होंने जो निर्माण दशकों पूर्व कराया है वह कैसे अवैध हो गया। जो लाल निशान लगाया जा रहा है उसका आधार क्या है।
वहीं पूर्व में जब लाल निशान लगाया गया था तो भी व्यापारियों ने विरोध करते हुए अतिक्रमण का आधार पूछा था। इस बार भी सवाल वहीं है जिसका उत्तर नहीं मिल रहा।