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सिलीगुड़ी में एक ही डोर के दोनों छोर पर लटक गईं 18 वर्षीय बालायें।

सिलीगुड़ी में एक ही डोर के दोनों छोर पर लटक गईं 18 वर्षीय बालायें।


सिलीगुड़ी। अजब प्रेम की गजब कहानी का आज दुखद अंत हो गया। अंतिम संस्कार भी एक साथ किए जाने की अपील दोनों ने सुसाइड नोट के माध्यम से किया है। दो युवतियों ने एक ही डोर के दो फंदे से फांसी लगाकर जान दे दी है। यह घटना शहर के 42 नंबर वार्ड के सालुगाड़ा स्थित विवेकानंद नगर में घटी है। भक्ति नगर थाना पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। आज मंगलवार पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।

वही पुलिस ने मृत बालाओं की पहचान दीप्ति राय (18) और प्रियंका बर्मन (18) के रुप में कराया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों युवती पड़ोस में ही रहती थी। बीते शुक्रवार को दीप्ति के माता-पिता ने उसका विवाह तय कर दिया। अगले 21 अप्रैल को फाराबाड़ी के एक युवक से उसका विवाह होना निश्चित हुआ था। परिवार वाले विवाह की तैयारी में जुट गए थे। लेकिन दीप्ति और प्रियंका दोनों इस निर्णय के खिलाफ खड़ी थी। दोनों को अलग न करने की काफी मिन्नतें भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

वहीं सोमवार शाम को दीप्ति के परिवार वाले विवाह के लिए खरीदारी करने को बाजार गए थे। संयोग से प्रियंका के माता-पिता भी बाहर थे। मौका देखकर दीप्ति प्रियंका के घर पहुंची। दोनों ने मिलकर दो पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। फिर एक ही डोर के दोनों सिरों को फंदा बनाकर मौत को गले लगा लिया। देर शाम जब प्रियंका के माता-पिता घर लौटे तो कमरे का दरवाजा खोलते ही दंग रह गए। 

वहीं खबर मिलते ही दीप्ति के माता-पिता भी मौके पर पहुंचे। इलाकाई लोगों की भीड़ जमा हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही भक्ति नगर थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। लोगों के साथ नजारा देखकर पुलिस भी हैरान थी। फिर पुलिस ने दोनों शव को उतारकर सिलीगुड़ी जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित किया। मंगलवार सुबह दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेज दिया गया है।

वहीं परिवार व स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बचपन से ही दोनों को हमेशा एक साथ रहती थीं। दोनों एक दूसरे के प्रति काफी संवेदनशील भी थी। दोनों के बीच दीया और बाती जैसा ही संबंध भी था। चोट एक को लगती तो दर्द दूसरे को भी होता था। इसी बीच दीप्ति का विवाह तय होने से दोनों विचलित हो गई थी। किसी भी कीमत पर दोनों एक दूसरे से बिछडऩे को तैयार नहीं थी।

वहीं एक साथ जीने का कोई रास्ता न देख दोनों ने एक साथ मौत को गले लगा लिया। घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट में दोनों का अंतमि संस्कार भी एक साथ किए जाने की बात लिखी है। नोट में लिखा है कि वे दोनों एक दूसरे बगैर नहीं जी सकती थीं, इसलिए एक साथ मरने का निश्चय किया। परिवार को यह दर्द देने के लिए माफी भी मांगी है। प्रियंका अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। जबकि दीप्ति के बाद उसकी दो और बहने हैं। दीप्ति ने पिछले वर्ष ही माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण किया था। जबकि प्रियंका ने अभी हाल में ही माध्यमिक की परीक्षा दी थी। दोनों के माता-पिता मजदूरी करते हैं।