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हरियाणा : नारनौल जिला में नौकरी लगवाने के नाम पर 22 लोगों से 1.60 करोड़ रुपये की ठगी।

हरियाणा : नारनौल जिला में नौकरी लगवाने के नाम पर 22 लोगों से 1.60 करोड़ रुपये की ठगी।


हरियाणा। नारनौल जिला पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी से पैसे ठग कर आनलाइन सट्टेबाजी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन के नेतृत्व में जिला पुलिस ने हरियाणा पुलिस, फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया और कोर्ट समेत विभिन्न सरकारी संस्थानों में नौकरी दिलवाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर आनलाइन सट्टेबाजी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। 

वहीं यह गिरोह भोले-भाले युवकों को नौकरी देने के नाम पर पैसे ठगकर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर देते थे और पैसों से आइपीएल व अन्य खेलों को लेकर आनलाइन सट्टेबाजी करते थे। वहीं थाना सदर महेंद्रगढ़ में हरियाणा पुलिस में एसआइ के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

वहीं इस मामले में सबसे पहले आरोपित परीक्षित को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में पुलिस ने आरोपित के पास से ढाई लाख रुपए बरामद किए थे। आरोपित से पूछताछ में पुलिस ने दिल्ली द्वारका से लैपटाप, फर्जी नियुक्ति पत्र और काफी संख्या में युवकों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, मार्कशीट्स और अन्य कागजात बरामद किए थे। पुलिस ने जांच करते हुए यह भी पता लगाया कि आरोपित परीक्षित ने खुद का फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया हुआ था और परिवार वालों को बताया हुआ था कि उसकी नौकरी लग गई है। 

वहीं पुलिस ने आरोपित का फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद कर जब्त कर लिया है। जांच में सामने आया कि आरोपित परीक्षित अपने साथी के साथ मिलकर फर्जी नियुक्ति पत्र बनाता था। पुलिस ने इस गिरोह के दूसरे सदस्य जयपुर निवासी रवि झांझडिया को जयपुर से गिरफ्तार किया गया। उससे पुलिस ने 10 लाख रुपए बरामद किए। गिरोह के तीसरे सदस्य चिड़ावा राजस्थान निवासी प्रदीप को गिरफ्तार कर एक लाख साठ हजार रुपए बरामद किए गए। 

वहीं इस गिरोह के चौथे सदस्य धोलाराम उर्फ धोलिया को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में पुलिस ने पता लगाया कि वह लोगों से पैसे की उगाही करता था और उन्हें सरगना द्वारा बताए गए खातों में भेज देता था। वहीं मामले में पुलिस ने जांच करते हुए पता लगाया कि गिरोह ने करीब 22 लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर करीब एक करोड़ 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपितों से करीब 14 लाख की नकदी बरामद की गई है।

वहीं करीब 100 खातों को सील करा करीब 1.40 करोड़ रुपए फ्रीज करवाए गए हैं। इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा का चुका है। इस मामले में अब तक पुलिस द्वारा गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है, मामले में अभी और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।

वहीं मामले की जांच के दौरान सामने आया कि यह गिरोह ऑनलाइन सट्टेबाजी का कार्य करता है। गिरोह नौकरी लगवाने के नाम पर लिए गए पैसों से मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी का कार्य करते थे। यह गिरोह भोले भाले लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ठगते थे और उन पैसों से सट्टेबाजी का कार्य करते थे। गिरोह में सोशल मीडिया के माध्यम से करीब 70 हजार लोग जुड़े हुए थे। 

वहीं जांच में सामने आया कि यह गिरोह बड़े नेटवर्क पर फैला हुआ है। जांच में पुलिस ने पता लगाया है कि गिरोह का रैकेट जयपुर, मुंबई तक फैला हुआ है। पुलिस ने जांच करते हुए पता लगाया कि गिरोह में हवाला का हाथ होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। मामले में पुलिस द्वारा करीब 100 बैंक खातों को सील करवाया गया है, जिनमें करीब एक करोड़ 40 लाख की रकम फ्रीज करवाई गई है।