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यूपी : वाराणसी के 50 मदरसे जांच के दायरे में शैक्षिक स्तर में सुधार का किया जाएगा मूल्यांकन।
वाराणसी। आधुनिकीकरण योजना का लाभ सूबे के 7442 मदरसों को मिल रहा रहा है। वहीं अमरोहा सहित कई जिलों में अस्तित्व में न होने के बावजूद कई मदरसे इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। इस क्रम में परिषद के रजिस्ट्रार शेषनाथ पांडेय ने सूबे के सभी मदरसों की जांच कराने का निर्देश दिया है। जांच में इस योजना से मदरसों के शैक्षिक स्तर में कितना सुधार आया, इसका भी मूल्यांकन किया जाएगा।
वहीं जनपद में प्राइमरी कक्षा से लगायत उच्च शिक्षा के करीब 125 मदरसे पंजीकृत हैं। इसमें 23 अनुदानित मदरसे भी शामिल हैैं। वहीं आधुनिकीकरण योजना के तहत जनपद के करीब 50 मदरसों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक अध्ययन जैसे विषय पढ़ाने के लिए प्रत्येक मदरसे में तीन-तीन शिक्षक रखे गए थे। मानदेय पर नियुक्त किए गए शिक्षकों के शैक्षिक स्तर में कितना सुधार आया। इसकी भी पड़ताल की जाएगी।
वहीं उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की सेकेंडरी (मुंशी/मौलवी) एवं सीनियर सेकेंडरी (आलिम) की परीक्षाएं 14 मई से प्रस्तावित हैं। यूपी बोर्ड की तर्ज पर इस बार मदरसा बोर्ड की भी परीक्षाएं सीसी टीवी कैमरे की निगरानी में कराई जाएंगी। कैमरे के दायरे में परीक्षा होने के कारण परीक्षा बेहतर तरीके से होने की उम्मीद जताई जा रही है। बोर्ड ने इस संबंध में सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिया है।
वहीं वाराणसी जिले में तमाम विद्यालय बगैर मान्यता के संचालित हो रहे है। बीएसए राकेश सिंह ने सभी बीईओ से ऐसे विद्यालयों को चिह्नित करने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। साथ ही परिषदीय विद्यालयों में साइंस लैब की स्थापना पर भी बल दिया।