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नई दिल्ली : पावर संकट गहराने से रेलवे की रफ्तार हुई थम, जिससे 753 ट्रेनें हुईं कैंसल।
नई दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच देश में कोल संकट गहराता जा रहा है। कोयला संकट इतना विकराल रूप ले चुका है कि ट्रेन परिचालन पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है। कोल संकट का आलम ये है कि रेलवे ने कोयले की कमी के चलते 735 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे ने ऑर्डर जारी कर कहा है कि देश में प्राथमिक तौर पर कोयले की आपूर्ती करने के लिए यात्री ट्रेने रद्द की जा रही है।
वहीं रेलवे ने बताया है कि साउथ-ईस्ट सेंट्रल रेलवे की 11 जोड़ी मिडियम एक्स्प्रेस ट्रेन और 6 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर रेलवे से 2 जोड़ी मिडियम एक्सप्रेस ट्रेन और 2 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। कुल मिलाकर 13 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेन और 8 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गई हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ रेलवे ने आगे कहा है कि इस दौरान साउथ-ईस्ट सेंट्रल रेलवे की मिडियम एक्सप्रेस ट्रेनों के 343 और पैसेंजर ट्रेनों के 370 चक्कर कैंसिल होंगे वहीं उत्तर रेलवे के 20 मीडियम एक्सप्रेस और पैसेंजर के 20 चक्कर नहीं लगेंगे। कुल मिलाकर देश में कोयले की कमी के चलते 753 ट्रेनें रद्द रहेंगी।
वहीं गौरतलब है कि भीषण गर्मी के चलते देश के लगभग हर राज्य में बिजली की मांग बढ़ गई है। दूसरी तरफ कोयले की कमी के चलते बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बिजली की कमी के चलते देश के कई राज्यों में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटौती की इसी समस्या को लेकर शुक्रवार को राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार को बुलडोजर रोककर बिजली संयंत्रों को चलाने पर ध्यान लगाना चाहिए।
वहीं रेलवे ने अपने बयान में कहा है कि गैर प्राथमिक क्षेत्रों और कम भीड़-भाड़ वाले रूट की ट्रेनों को ही रोका गया है ताकि कोलये की आवाजाही में तेजी लाई जा सके। रेलवे ने ये भी बताया है कि कुल 533 ट्रेनों को कोयले ढोने में लगाया गया है। इनमें पॉवर सेक्टर के लिए कुल 1.62 मिलियन टन कोयला लादा गया है। रेलवे ने ये भी कहा है कि ट्रेनों को अस्थाई तौर पर बंद किया गया है और रेलवे हालात की हर रोज समीक्षा कर रहा है।