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चीन में कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान की आशंका
चीन । एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपा रखा है। इस बार चीन के सुदूर दक्षिणी और उत्तरी हिस्से में कोरोना ने कोहराम मचाया है, जिससे न सिर्फ चीन की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का लगा है, बल्कि लोगों को एक बार फिर लॉकडाऊन में रहना पड़ रहा है। चीन के सरकारी आंकड़े सिर्फ 5000 लोगों को कोरोना की चपेट में बता रहे हैं, लेकिन सच्चाई क्या है, यह पूरी दुनिया जानती है।
चीन की कम्युनिस्ट सरकार देश की छवि सुधारने की मुद्रा में हमेशा तत्पर रहती है, चाहे इसके लिए कम्युनिस्टों को झूठ ही क्यों न बोलना पड़े, वह डट कर बोलते हैं। लेकिन शांगहाई के एक वायरोलॉजिस्ट ने सरकार को नींद से जागने को कहा है और बोला है कि यह समय दुनिया के सामने झूठ बोलने का नहीं, बल्कि तेजी से महामारी को काबू में करने के लिए रणनीति बनाने का है। इस बार चीन में ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट, जिसे बी.ए.-2 ओमिक्रॉन नाम दिया गया है, जितनी तेजी से फैल रहा है, उस तेज रफ्तार से चीन में पिछले 2 वर्षों में एक दिन में कभी 5000 कोरोना केस सामने नहीं आए।
इस समय चीन के 10 शहरों में लॉकडाऊन लगा हुआ है और 5 करोड़ लोग अपने घरों में एक बार फिर कैद हो गए हैं। इस बार कोरोना के नए मामले बीजिंग, शांगहाई, क्वांगतुंग, च्यांगसू, शानतुंग और चच्यांग प्रांतों में फैल गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस बार जो वेरिएंट फैला है और ओमिक्रॉन का मिला-जुला रूप है। दक्षिण में स्थित औद्योगिक शहर शनछन और तुंगहुआन जैसे महत्वपूर्ण केन्द्रों में कोरोना फैला है, जहां पर ताईवान की सैमीकंडक्टर बनाने वाली फॉक्सकॉन और यूनिमाइक्रॉन टैक्नोलॉजी कॉर्प कंपनियां हैं। ये दोनों कंपनियां कोरोना की नई लहर के तहत बंद हैं। इसके अलावा टोयोटा, डेमलर, जनरल मोटर्स, रेनो, होंडा और हुंडई कंपनियां भी बंद हैं। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स के अनुमान के अनुसार चीन के कार उत्पादन में 15 20 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका है। क्वांगतुंग प्रांत चीन के सकल घरेलू उत्पाद में 11 प्रतिशत का योगदान करता है। नोमुरा होल्डिंग्स इंक के अनुसार बैंकों की राय में चीन की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 4.3 प्रतिशत रहेगी, जो पहले 5.2 प्रतिशत बताई गई थी।
इसके अलावा उत्तरी चीन के चीलिन प्रांत में भी कोरोना फैल चुका है। राजधानी बीजिंग के नजदीक लांगफांग शहर में भी कोरोना के बढ़ते मामलों के तहत लॉकडाऊन लगा दिया गया है। शनछन में जहां 2 करोड़ लोगों को लॉकडाऊन में रहने को मजबूर होना पड़ा, वहीं चीलिन में भी बड़ी संख्या में लोग लॉकडाऊन में चले गए हैं। चीलिन में टोयोटा की एस.यू.वी. और फॉक्सवैगन गाड़ियां बनाई जाती हैं। कोरोना के चलते इन फैक्ट्रियों मेंभी काम ठप्प है। काम बंद होने से आपूर्ति श्रृंखला बाधित होगी, जिसका अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर दिखेगा।
सिटी एनालिसिस के अनुसार चीन के इस बार के के कोविड लॉकडाऊन के कारण पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 0.5 प्रतिशत से 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज होगी। कोरोना लहर में जिन सबसे प्रभावित क्षेत्रों में लॉकडाऊन लगा है, वहां पर चीन के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 16.7 प्रतिशत की गिरावट देखी जाएगी। आर्थिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि चीन में इस बार की कोरोना लहर में अर्थव्यवस्था पर सही मायने में सीधा असर पड़ेगा, यानी चीन की अर्थव्यवस्था को इस बार वास्तविक नुक्सान होने की आशंका ज्यादा है। इसका असर चीन के दूसरे क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों पर भी पड़ेगा। क्वांगतुंग प्रांत के 2 निर्यात आधारित उद्योग शहरों शनछन और तुंगहुआन में लगे लॉकडाऊन का बुरा असर सीधे तौर पर चीन की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है। सिटी एनालिसिस के अनुसार चीन के सकल घरेलू उत्पाद में शनछन का योगदान 2.73 प्रतिशत है, वहीं तुंगुआन का 0.95 प्रतिशत और चीलिन की राजधानी छांगछुन का 0.65 प्रतिशत ।
शनछन से 2 प्रमुख बंदरगाहों से चीन का औद्योगिक उत्पाद निर्यात किया जाता है, जिनमें यानतियान और छिवान प्रमुख हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इन्हें खुला रखा गया है और तीसरी लियानतांग बंदरगाह को बंद रखा गया है, जिसकी सीमा हांगकांग से जुड़ी हुई है। शनछन में उत्पादन रुकने से जहाजरानी यातायात रुक गया है, साथ ही ट्रक की ढुलाई पर भी बुरा असर पड़ा है। कोरोना मरीजों में बड़ी संख्या में ट्रक ड्राइवर और जलपोत स्टाफ शामिल है।
हालांकि कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या इस मंगलवार को 1860 रही, जो सोमवार को आए 3500 नए कोरोना मरीजों से लगभग आधी है। साथ ही अभी तक कोरोना के नए वेरिएंट से कोई मृत्यु नहीं हुई, लेकिन बीजिंग की शून्य कोविड नीति के कारण चीन की आर्थिक गति को या तो विराम लगेगा या फिर चीन की पूरी अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर खड़ी होगी।