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हरियाणा : प्रदेश के दो वरिष्‍ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका व संजीव वर्मा के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर दर्ज़ हुआ केस।

हरियाणा : प्रदेश के दो वरिष्‍ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका व संजीव वर्मा के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर दर्ज़ हुआ केस।


हरियाणा। भ्रष्टाचार की जांच के मुद्दे पर दो सीनियर आइएएस अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं। करनाल के मंडलायुक्त एवं हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक संजीव वर्मा और विज्ञान एवं तकनीक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका आमने-सामने हैं। संजीव वर्मा की शिकायत पर पंचकूला पुलिस ने खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली है। दूसरी ओर,खेमका की शिकायत पर भी संजीव वर्मा और अन्‍य अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। 

बता दें कि मंगलवार को दिन में अशोक खेमका हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के साथ पंचकूला पुलिस उपायुक्त कार्यालय पहुंंचे थे। इसके बाद मंगलवार रात में पुलिस ने खेमका के खिलाफ पिछले दिनों दी गई शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया। यह शिकायत पिछले कुछ दिनों से पुलिस के पास लंबित पड़ी थी और मंगलवार रात को इस पर कार्रवाई की गई।

वहीं मंगलवार रात अशोक खेमका की शिकायत पर संजीव वर्मा के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज हुई। संजीव वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने झूठी शिकायत दी और उत्पीड़न किया है। हरियाणा के दो सीनियर आइएएस अधिकारियों की तरफ से एक दूसरे के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने से पुलिस सांसत में है।

वहीं खेमका को गृह मंत्री अनिल विज का साथ मिल रहा है तो बताया जा रहा है कि संजीव वर्मा को मुख्यमंत्री कार्यालय का सहयोग प्राप्त हो रहा है। अशोक खेमका को अभी तक ईमानदार अधिकारी के रूप में पेश किया जाता रहा है, लेकिन उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज होने से राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई।

वहीं दूसरी तरफ़ खेमका हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को साथ लेकर पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा के कार्यालय पहुंचे, जिसके बाद पंचकूला पुलिस को संजीव वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करनी पड़ी। मीडिया के सवालों से बचते हुए पंचकूला के नए पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी ने कहा कि चार दिन पहले संजीव वर्मा ने एक जांच रिपोर्ट के आधार पर अशोक खेमका के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी।

वहीं कुरैशी ने कहा कि इसके बाद अशोक खेमका ने वर्मा के विरुद्ध शिकायत की, जिनके आधार पर मंगलवार देर रात एफआइआर दर्ज की गई है। दो सीनियर आइएएस अधिकारियों के इस विवाद में गृह मंत्री अनिल विज के शामिल होने से पूरा मामला हाई प्रोफाइल बन गया है।

वहीं अनिल विज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि खेमका ने सोमवार को पंचकूला पुलिस को संजीव वर्मा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए शिकायत दी थी। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो खेमका का संदेश उनके पास आया। वह पुलिस के अलंकरण समारोह में पंचकूला आए हुए थे। वहीं से खेमका को साथ लेकर डीसीपी कार्यालय में गए, जिसके बाद पुलिस को खेमका की शिकायत पर एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए।

वहीं पूरे हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस की परेशानी बढ़ी रही। गृह मंत्री अनिल विज के आदेश के बाद संजीव वर्मा के विरुद्ध पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। लेकिन, पुलिस ने पहले अशोक खेमका के खिलाफ और बाद में संजीव वर्मा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। खेमका की शिकायत और गृह मंत्री अनिल विज के उनके साथ पुलिस कार्यालय जाने की चारों तरफ चर्चा है।

वहीं पंचकूला के सेक्‍टर पांच थाना में दी गई शिकायत के अनुसार, संजीव वर्मा ने अपनी जांच में पाया था कि खेमका ने करीब दस साल पहले वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार किया है। वर्मा का आरोप था कि उन्होंने (खेमका ने) पैसे लेकर प्रथम श्रेणी के दो अधिकारियों की नियुक्तियां की।

बता दें कि वहीं पुलिस को दी शिकायत में कहा गया है कि नियुक्तियों का तमाम रिकार्ड गलत है, जिसके बाद संजीव वर्मा ने दोनों अधिकारियों को डिसमिस करते हुए पंचकूला की सेक्टर पांच पुलिस को एक आदेश भेजकर अशोक खेमका समेत चार अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने को कहा।

वहीं पंचकूला पुलिस ने किसी तरह के विवाद से बचने के लिए पहले तो संजीव वर्मा की शिकायत व जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन जब खेमका ने गृह मंत्री अनिल विज से वर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का दबाव बनाया तो पुलिस ने खेमका के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज कर लिया।

वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि वर्मा के खिलाफ जो एफआइआर दर्ज हुई है, उसमें जमानत संभव है, जबकि खेमका को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के मामले में जमानत कराने में परेशानी हो सकती है। संजीव वर्मा ने मुख्य सचिव संजीव कौशल और कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा को भी अशोक खेमका की जांच रिपोर्ट भेजी थी और साथ ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की संस्तुति की थी।

वहीं इस मामले में रवींद्र कुमार नामक व्यक्ति की शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिए थे। वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने अपने विभाग के एमडी की ओर से की गई कार्रवाई का समर्थन किया है।

वहीं संजीव वर्मा और अशोक खेमका के विरुद्ध विवाद काफी पुराना है। खेमका ने समाज कल्याण विभाग व अभिलेखागार विभाग में रहते हुए संजीव वर्मा पर गाड़ी के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। इस पर संजीव वर्मा ने खेमका के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश से पहले ही मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखकर कह दिया था कि अशोक खेमका ने विभिन्न पदों पर रहते हुए उनके खिलाफ जो आरोप लगाए हैं अथवा जांच की है, उसकी सीबीआइ से जांच करा ली जानी चाहिए।

वहीं इसके साथ ही संजीव वर्मा ने कहा कि मैंने खेमका के विरुद्ध जो जांच की है, यदि वह ईमानदार हैं तो खुद ही उन्हें भी अपने खिलाफ मेरी तरह सीबीआइ जांच की मांग सरकार से करनी चाहिए। वहीं हमें कुछ दिन पहले संजीव वर्मा की ओर से खेमका के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने संबंधी पत्र मिला था। हमने उसका अध्ययन किया। मंगलवार को गृह मंत्री के साथ अशोक खेमका पंचकूला पुलिस कार्यालय में आए। उन्होंने सोमवार को एक शिकायत दी थी। हमने उनकी ओर से दी गई शिकायत पर संजीव वर्मा के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर ली है। संजीव वर्मा की ओर से मिले पत्र के आधार पर भी हमने एफआइआर दर्ज की है। दोनों केस में अनुसंधान किया जाएगा।

वहीं अशोक खेमका का मेरे पास संदेश आया था। उन्होंने मुझे बताया कि सोमवार को दी गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं उनके साथ पुलिस कार्यालय गया और पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दिए। जब एक आइएएस अधिकारी के कहने पर एफआइआर दर्ज नहीं होगी तो आम आदमी के कहने पर कैसे कार्रवाई हो सकती है। बाकी असलियत क्या है, यह जांच करने का काम पुलिस का है।

वहीं मैं हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार के विरु्द्ध मुहिम को आगे बढ़ा रहा हूं। मैंने ऐसे लोगों को बेनकाब किया है, जो ईमानदारी का चोला पहनकर सरकार की मुहिम को धक्का पहुंचा रहे हैं। मेरी किसी से कोई दुर्भावना नहीं है। मेरे विरुद्ध जो आरोप लगाए गए थे, उनकी सीबीआइ जांच की सिफारिश मैंने खुद सरकार से की है। आगे भी मैं भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर करने वाला हूं। मैं इससे अधिक टिप्पणी इसलिए नहीं करूंगा, क्योंकि सरकार जानती है कि सही और गलत क्या है।