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हरियाणा : प्रदेश सरकार ने जाति प्रमाण पत्र को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा।

हरियाणा : प्रदेश सरकार ने जाति प्रमाण पत्र को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा।


हरियाणा। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र को परिवार पहचान पत्र से जोडऩे का निर्णय लिया है। जिसके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। लाभार्थी को सरल पोर्टल पर परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आवेदन करना होगा, उसके उपरांत लाभार्थी को आनलाइन ही जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा। पिछड़ा वर्ग के क्रिमीलेयर में आने वाले लाभार्थी का प्रमाण पत्र प्रति वर्ष 31 मार्च तक वैध होगा। क्रिमीलेयर में नहीं आने वाले लाभार्थी का जाति प्रमाण पत्र जीवनभर मान्य होगा।

वहीं तहसीलदार के बजाए एडीसी एवं नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी की ओर से यह प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। आम लोगों को अब अनुसूचित जाति, वंचित अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, टपरीवास, विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति से संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए नंबरदार, पटवारी और तहसील में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। 

वहीं अब आवेदक सिर्फ अपने परिवार पहचान पत्र नंबर के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन करेगा। उसे आनलाइन ही जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा। पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाते समय लाभार्थी की वार्षिक आय भी देखी जाएगी। वार्षिक आय वहीं मान्य होगी जो परिवार पहचान पत्र में दर्ज करवाई गई है। वार्षिक आय देखने का अभिप्राय है कि यदि कोई क्रिमीलेयर में आता है तो उसका प्रमाण पत्र प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक मान्य होगा। क्रिमीयलेयर में नहीं आते उनका प्रमाण पत्र जीवनभर मान्य होगा।

वहीं जाति सत्यापित करने के लिए सक्षम अधिकारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले निवासी की जाति का सत्यापन नागरिक संसाधन सूचना विभाग की ओर से नोटिफाइड सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जबकि हरियाणा राज्य के विभाग, पीएसयू, विश्वविद्यालय आदि में कार्यरत रेगुलर पुरुष व महिला कर्मचारी की जाति का सत्यापन एचआरएमएस में उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर होगा। 

वहीं जाति के संबंध में किसी भी प्रकार के संशय के लिए हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को स्थिति स्पष्ट के लिए भेजा जाएगा तथा इस संबंध में विभाग द्वारा जारी की गई कैलेरिफिकेशन ही मान्य होंगी।

वहीं हरियाणा सरकार की ओर से जारी की गई हिदायतानुसार हरियाणा राज्य का कोई भी सरकारी विभाग हरियाणा से संबंधित किसी भी व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र जमा करवाने के लिए बाध्य नहीं करेगा। यदि वह परिवार पहचान पत्र उपलब्ध कराता है और उसकी जाति और जाति की श्रेणी पारिवारिक सूचना डेटा रिपोजिटरी (एफआईडीआर) में सत्यापित की हुई है। इस बारे में अधिक जानकारी व नियमों की जानकारी एडीसी एवं नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।