HIMACHAL PRADESH NEWS
हिमाचल प्रदेश। निरमंड की रूचि ने राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेलकर प्रतिभा का लोहा मनवाया।
हिमाचल प्रदेश। लक्ष्य मजबूत हो तो मंजिल तक पहुंचने में देरी नहीं लगती। कुल्लू जिला के आनी हलके की उपतहसील नित्थर के डमाह गांव के एक बेहद गरीब परिवार से संबंध रखने वाली रूचि ने इस बात को संभव कर दिखा है। विकट हालात के बावजूद उसने अपनी खेल प्रतिभा को निखारा। आज वह हिमाचल पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है।
वहीं रूचि लूहरी स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती थी तो धीरे धीरे उसका रुझान खेलकूद की तरफ बढ़ने लगा। अंडर-14 कबड्डी प्रतियोगिता के लिए छोटी सी उम्र में रूचि का जिला स्तर के लिए चयन हुआ। जिला स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने के चलते राज्यस्तरीय व फिर राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ।
वहीं इस दौरान सातवीं कक्षा में पढ़ रही रूचि के को खेल छात्रावास बिलासपुर से पत्र आया तो रूचि ने स्वजन से बात की। बीमारी के चलते माता-पिता ने रूचि को बिलासपुर भेजने में असहमति जताई, लेकिन उसके नाना सतीश कुमार ने रूचि के हौसले को देखते हुए हर तरह से मदद की। रूचि ने अपने घर की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ बनने के लिए अपनी कबड्डी को ही अपना लक्ष्य बनाया।
वही खेल छात्रावास में स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही कबड्डी की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गुजरात, कबीरधाम और गोवा से तीन गोल्ड मेडल लेकर परचम लहराया। स्वर्ण पदक लेने के बाद खेल कोटे से रूचि को पुलिस में एसआई के पद पर नियुक्त किया गया। रूचि ने मीडिया से अपनी कई बातें साझा करते हुए कहा कि उन्हें घुटनों में बहुत दर्द रहता था। इस कारण वह घर भी नहीं आ सकती थी तो लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि रूचि ने शादी कर ली है।
वहीं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने आगे बढ़ने के लिए कभी हौसला नहीं हारा। जब वे लूहरी स्कूल से खेल छात्रावास बिलासपुर के लिए चयनित हुई तो उनके क्षेत्र के लोगों ने उनके प्रति कई तरह की बातें की, लेकिन रूचि ने बिना किसी की परवाह के अपने उद्देश्य पर फोकस रखा। रूचि ने कहा कि उसके छोटे भाई पर उसके दोस्त ही उनकी गरीबी का मजाक उड़ाने से भी नहीं कतराते थे।
वहीं नाना सतीश कुमार ने उनका हौसला कभी नहीं हारने दिया और उनकी प्रेरणा से ही आज वे इस मुकाम पर पहुंची है। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से भी अपील की है कि अपना एक मजबूत लक्ष्य रखेंगे तो मंजिल बहुत जल्द मिलेगी।